शुक्रवार, अप्रैल 01, 2011

लम्हा-लम्हा तनहाई.....


92 टिप्‍पणियां:

  1. चाहत गुपचुप लेती है
    मन ही मन में अंगडाई .....छोटी बहर में अच्छे शेर हुए हैं....बधाई!
    --देवेंद्र गौतम

    जवाब देंहटाएं
  2. देवेंद्र गौतम जी,
    बहुत-बहुत धन्यवाद...
    आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया.... आभारी हूं।
    कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।

    जवाब देंहटाएं
  3. उसमें रब की परछाई...... बेमिसाल पंक्ति है.... वर्षाजी.....
    बहुत सुंदर

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीय वर्षा जी
    नमस्कार !
    इतनी सुन्दर अभिव्यक्ति। दिल बाग बाग हो गया।

    जवाब देंहटाएं
  5. लाज़वाब! बहुत सुन्दर प्रेममयी भावपूर्ण प्रस्तुति..

    जवाब देंहटाएं
  6. रब की परछाई
    यही तो किसी के प्रति समर्पण के भाव की बात है, और इस अहसास को जिन्दा रखना कोई आसन नहीं ..बहुत सुदर भाव और शब्दों का अनूठा संगम

    जवाब देंहटाएं
  7. आदरणीय वर्षा जी, नमस्कार !

    aapki rachnaon ka koi jabab nahin hai mere paas,
    aapki sabhi rachnayen ek se badkar ek, hamesha intjaar rahta hai, aapki rachnaon ka

    जवाब देंहटाएं
  8. पूरी ग़ज़ल बेहतरीन.
    और ये शेर ;-
    खुशबू बनकर यादों ने,
    मेरी दुनिया महकाई.
    वाह वाह.

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुंदर
    पूरी ग़ज़ल बेहतरीन.

    वाह वाह.

    जवाब देंहटाएं
  10. वर्षा जी प्यार की खुशबु से महकी आपकी ये रचना.....प्यार की गहराई में डुबने को कहती है...बहुत ही सुंदरता से एहसासों को शब्दों में ढ़ाला है आपने...लाजवाब।

    जवाब देंहटाएं
  11. डॉ॰ मोनिका शर्मा जी,
    आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.
    हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।

    जवाब देंहटाएं
  12. संजय भास्कर जी,
    मेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  13. संजय भास्कर जी,
    मेरे ब्लॉग पर पुनः आपका स्वागत है!
    कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।

    जवाब देंहटाएं
  14. केवल राम जी,
    यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी गज़ल आपको पसन्द आई....
    बहुत-बहुत आभार......

    जवाब देंहटाएं
  15. संजय कुमार चौरसिया जी,
    अत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए..
    हार्दिक धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  16. कुंवर कुसुमेश जी,
    आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  17. दर्शन कौर धनोए जी,
    मेरी गज़ल को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
    कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।

    जवाब देंहटाएं
  18. दीपक सैनी जी,
    आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया.
    हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
    कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।

    जवाब देंहटाएं
  19. Er. सत्यम शिवम जी,
    अत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए.
    हार्दिक धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  20. आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (2.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
    चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

    जवाब देंहटाएं
  21. Er. सत्यम शिवम जी,
    इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं.

    यह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपने मेरी ग़ज़ल का चयन शनिवासरीय चर्चा मंच हेतु किया है .
    आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
    एवं पुनः हार्दिक आभार !

    जवाब देंहटाएं
  22. बहुत सुन्दर ग़ज़ल.
    सलाम.

    जवाब देंहटाएं
  23. खुशबू बनकर यादों ने,
    मेरी दुनिया महकाई.
    बहुत ही खुबसूरत शेर, बहुत खूब..... .

    जवाब देंहटाएं
  24. ग़ज़ल का हर शे’र लाजवाब है। मुझे अंतिम शे’र काफ़ी पसंद आया।

    जवाब देंहटाएं
  25. संवेदनाओ से अताप्रोत एक बेहतरीन ग़ज़ल,, आपकी लेखनी का में कायल हूँ, शब्द विन्यास की जितनी तारीफ की जाये कम है , बधाई

    जवाब देंहटाएं
  26. इश्क का दरिया थाह नहीं
    जाने कितनी गहराई

    बिल्कुल सच कहा है...........उम्दा ग़ज़ल

    जवाब देंहटाएं
  27. प्रभावी अभिव्यक्ति ....
    उसमें रब दिखता है .....
    वाह !
    क्या कहने ...

    जवाब देंहटाएं
  28. waah varsha ji..aap to jo v likhti hai kamal ka likhti hai....padhke bakai bhut acchha lagta gai...mubarak baad aapko....

    जवाब देंहटाएं
  29. बहुत अच्छी लगी आपकी यह गज़ल!

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  30. varsha ne akshar dekhi usme rab ki parchhayee:)

    bahut khub!! umda...:)

    waise "kisme"????:D....thora vyangya to banta hai na..:)

    जवाब देंहटाएं
  31. खूबसूरत ...

    इश्क का दरिया थाह नहीं ....जाने कितनी गहराई ..बहुत सुन्दर ...हर अशआर लाजवाब ...

    जवाब देंहटाएं
  32. khubsoorat ghazal hai
    इश्क का दरिया थाह नहीं
    जाने कितनी गहराई
    kya baat hai

    जवाब देंहटाएं
  33. विशाल जी,
    मेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
    कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।

    जवाब देंहटाएं
  34. सुनील कुमार जी,
    यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी गज़ल आपको पसन्द आई....
    बहुत-बहुत आभार......

    जवाब देंहटाएं
  35. मनोज कुमार जी,
    अत्यन्त आभारी हूं आपकी......
    विचारों से अवगत कराने के लिए.. हार्दिक धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  36. कुश्वंश जी,
    मैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा....
    आपके अपनत्व ने मुझे भावविभोर कर दिया है।
    अत्यन्त आभारी हूं आपकी.

    जवाब देंहटाएं
  37. साहिल जी,
    आप जैसे सुधी गज़लकार....शायर की बहुमूल्य टिप्पणी ने मेरा उत्साह बढ़ाया है।
    कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।

    जवाब देंहटाएं
  38. निवेदिता जी,
    आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया आभारी हूं।
    हार्दिक धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  39. अनुपमा जी,
    यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी गज़ल आपको पसन्द आई....
    बहुत-बहुत आभार......

    जवाब देंहटाएं
  40. आरती झा जी,
    आभारी हूं....
    मेरी गज़ल पर आपके आत्मीय विचारों का स्वागत है!
    हार्दिक धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  41. यशवन्त माथुर जी,
    अत्यन्त आभारी हूं आपकी......
    विचारों से अवगत कराने के लिए.हार्दिक धन्यवाद.
    मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आभार...
    आपका हमेशा स्वागत है।

    जवाब देंहटाएं
  42. मुकेश कुमार सिन्हा जी,
    आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है!
    हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
    कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।

    जवाब देंहटाएं
  43. पी.सी.गोदियाल "परचेत" जी,
    मेरी गज़ल पर आपके आत्मीय विचारों का स्वागत है!
    हार्दिक धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  44. संगीता स्वरुप जी,
    आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया.... आभारी हूं।
    हार्दिक धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  45. जगमोहन राय जी, kalaam-e-sajal
    आप जैसे सुधी गज़लकार की बहुमूल्य टिप्पणी ने मेरा उत्साह बढ़ाया है।
    कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।

    जवाब देंहटाएं
  46. bahut sundar.....bhavpoorna......kamaal ka lekhan
    http://kavyana.blogspot.com/2011/02/blog-post.html

    जवाब देंहटाएं
  47. डॉ॰ दिव्या श्रीवास्तव जी,
    आप जैसी विदुषी के विचार मेरे लिए बहुत महत्व रखते हैं...
    आपको मेरी गज़ल पसन्द आई....आभारी हूं...

    जवाब देंहटाएं
  48. अना जी,
    यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी गज़ल आपको पसन्द आई....
    बहुत-बहुत आभार......

    जवाब देंहटाएं
  49. चाहत गुपचुप लेती है
    मन ही मन अंगड़ाई ...

    बहुत खूब ... प्रेम की फुहार बह रही है ...

    जवाब देंहटाएं
  50. डा.राजेंद्र तेला"निरंतर" जी,
    आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया.... आभारी हूं।
    मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद.
    कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....

    जवाब देंहटाएं
  51. मृदुला प्रधान जी,
    आभारी हूं....
    मेरी गज़ल पर आपके आत्मीय विचारों का स्वागत है!
    हार्दिक धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  52. CS Devendra K Sharma ji,"Man without Brain"
    Thank you for visiting my blog!
    I felt honored by your comment.

    जवाब देंहटाएं
  53. अनामिका जी,
    मेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
    कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।

    जवाब देंहटाएं
  54. दिगम्बर नासवा जी,
    आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  55. bahut hi badhiyaa Gazal hai varshaaji ,chhoti bahar kee .
    "varshaa ne aksar dekhi usme rab kee parchhaain "
    veerubhai .

    जवाब देंहटाएं
  56. इश्क का दरिया थाह नहीं

    जाने कितनी गहराई
    बहुत सुन्दर ग़जल

    जवाब देंहटाएं
  57. इश्क का दरिया थाह नहीं,
    जाने कितनी गहराई ....
    बेहद सुंदर ...!

    जवाब देंहटाएं
  58. छोटे बहर की प्यारी गज़ल।
    ..बहुत खूब।

    जवाब देंहटाएं
  59. आद. वर्षा जी,
    इश्क का दरिया थाह नहीं,
    जाने कितनी गहराई !
    बड़े ही सलीके से अपनी बात कह जाने का हुनर आपके शेरों में मिलता है !
    आपकी ग़ज़लों का ज़वाब नहीं !
    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  60. आदरणीय वर्षा जी
    नमस्कार !
    इतनी सुन्दर अभिव्यक्ति
    इश्क का दरिया थाह नहीं

    जाने कितनी गहराई
    बहुत सुन्दर ग़जल

    जवाब देंहटाएं
  61. वीरु भाई जी,
    यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी यह गज़ल आपको पसन्द आई....बहुत-बहुत आभार......
    कृपया इसी तरह संवाद बनाए रखें.

    जवाब देंहटाएं
  62. अरीबा जी,
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
    मेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
    कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।

    जवाब देंहटाएं
  63. अंजू जी,
    आपको बहुत-बहुत धन्यवाद...
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
    अत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए..

    जवाब देंहटाएं
  64. देवेन्द्र पाण्डेय जी,
    आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया आभारी हूं।
    हार्दिक धन्यवाद! सम्वाद क़ायम रखें।
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!

    जवाब देंहटाएं
  65. ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी,
    आपके आत्मीय विचारों ने मझे अनुत्तरित कर दिया है.....
    मैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा,
    अत्यन्त आभारी हूं आपकी.
    कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।

    जवाब देंहटाएं
  66. सुनील गज्जाणी जी,
    इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
    आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  67. मेरे ब्लाग पर आ कर ,मुझ जैसे नाचीज को अपने ब्लाग पर न्योता देने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया !
    यहाँ आ कर जो पड़ने को मिला उस पर मैं टिप्पणी के काबिल नही !
    पर मेरे एहसासों ने उन्हें अपने पुरे एहसासों से मेहसूस किया है !बस...
    बहुत खुश और सेहतमंद रहें!
    शुभकामनाएँ !
    अशोक सलूजा !

    जवाब देंहटाएं
  68. अशोक सलूजा जी,
    यह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरी यह गज़ल आपको पसन्द आई. आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है! मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने और अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक आभार!

    जवाब देंहटाएं
  69. रामनवमी की हार्दिक शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  70. इश्क का दरिया थाह नहीं
    जाने कितनी गहराई

    मैं तो पहली बार आपके ब्लॉग पर हूं जाने कैसे नहीं आ सकी....
    बेमिसाल ....बहुत खूब लिखा है....
    आप भी जरूर आइए..फॉलो भी कर रही हूं...

    जवाब देंहटाएं
  71. कुंवर कुसुमेश जी,
    आपका आना सुखद लगा ...... हार्दिक धन्यवाद !
    आपको भी रामनवमी की हार्दिक शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  72. जाकिर अली रजनीश जी,
    अत्यन्त आभारी हूं आपकी....विचारों से अवगत कराने के लिए. हार्दिक धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  73. वीना जी,
    मैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा, आपके अपनत्व ने मुझे भावविभोर कर दिया है।
    मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आभार... आपका स्वागत है।

    जवाब देंहटाएं
  74. इश्क का दरिया थाह नही
    जाने कितनी गहराई

    खूबसूरत गज़ल ......

    जवाब देंहटाएं
  75. वाह जी वाकई बहुत सुंदर..

    इश्क का दरिया थाह नही
    जाने कितनी गहराई....

    जवाब देंहटाएं
  76. अनीता सिंह जी,anu
    यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया.... मेरे गीत को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....

    जवाब देंहटाएं
  77. महेन्द्र जी,
    कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
    मेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  78. श्रीमान जी,क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.

    जवाब देंहटाएं
  79. रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" जी,
    मेरे ब्लॉग पर आने के लिए हार्दिक आभार...
    कभी मेरी गजल पर भी कोई टिप्पणी करने का कष्ट करें.

    जवाब देंहटाएं
  80. रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" जी,
    बहुत-बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  81. बहुत ही सुंदर लिख हा है दिल को छु लिया आपकी इस रचना ने...
    हमारे ब्लॉग पर आ कर अपने विचार व्यक्त करने क लिए बहुत बहुत धन्यवाद....
    हमने आपको फोल्लो कर लिया है.....

    जवाब देंहटाएं
  82. नेहा त्रिवेदी जी,(नश्तरे एहसास)
    आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
    अत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए.

    जवाब देंहटाएं