रविवार, मार्च 18, 2012

Dr Varsha Singh’s Ghazal by Ahamad Hussain Mohammad Hussain at Sanjay Gandhi PG Institute of Medical sciences, Lucknow. Dec 2011



कृपया इसे You Tube पर देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें -


http://youtu.be/EkK4JiEfHus



हुसैन बंधुओं द्वारा मेरी इस ग़ज़ल को गाया गया है-


इक न इक दिन फ़ैसला होगा ज़रूर।
वक्त ने  उसको  छला  होगा ज़रूर।

पांव में  छाले  यूं  ही  होते  नहीं
कुछ क़दम तो वो चला होगा ज़रूर।

बेवज़ह   तनहाइयां   भाती  नहीं
इश्क़ का  ये मामला  होगा ज़रूर।

ताकि ‘वर्षा’ हो सके कल फिर सुबह
इसलिए  सूरज  ढला  होगा ज़रूर।
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23 टिप्‍पणियां:

  1. Buffering prevented listening and you did not even write the 'GAZAL'.Pl write .

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  2. औरों से तो झूठ कहोगे, ख़ुद को क्या समझाओगे।
    तनहाई में जब तुम ख़ुद से, अपनी बात चलाओगे।

    बधाई !फिल्मों में आपकी रचनाएं श्रृंगारिक ग़ज़ल -गीत गाये जाएँ ऐसी दुआ है ,प्रत्याशा भी है .पुनश्चय बधाई .

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  3. दूर एक दरिया बुलाता है ,मुझे ,

    और मुझसे ही मिलाता है ,मुझे .

    वाह क्या बात है .'खुद से खुद की मुलाकत हुई ,दिन बीता और रात हुई ',नहीं आये वो क्या बात हुई ?

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  4. बहुत प्रस्तुति...
    आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 19-03-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ

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  5. पांव में छाले यूं ही होते नहीं
    कुछ क़दम तो वो चला होगा ज़रूर।
    बेहतरीन! लाजवाब!!

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  6. उत्तर
    1. ’बेवज़ह तनहाइयां भाती नहीं
      इश्क का ये मामला होगा ज़रू”
      ऐसा ही होता है,कि—
      ’एक शौक,हमने भी पाला था,दोस्तो
      ये शौक ना हुआ,गोया,बन गई जान पर’

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  7. वाह जी सुंदर बफ़्फरिंग की समस्‍या है हो सकता हो मेरा कनेक्‍श्‍न स्‍लो है या कुछ और

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  8. पांव में छाले यूं ही होते नहीं
    कुछ क़दम तो वो चला होगा ज़रूर।

    वाह!बहुत खूब .... बधाई

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  9. बहुत सुंदर। बहुत बधाई।

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  10. खूबसूरत अश'आर ,बेहतरीन गुलूकार पर रिकॉर्डिंग ....काश!
    बहुत बधाई ! भविष्य के लिए ...
    शुभकामनाएँ!

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  11. वाह ...बहुत खूब ... बधाई सहित शुभकामनाएं ।

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  12. वाह:बहुत सुंदर। बहुत बधाई।..

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  13. behad khushi hui ye jaankar ke aapki is behtarin ghazal ko itne naami singers ne gaya...kotisah badhayee aaur sadar pranam ke sath

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  14. बेवज़ह तनहाइयां भाती नहीं
    इश्क़ का ये मामला होगा ज़रूर।

    बहुत खूबसूरत अंदाज़ है आपका बात कहने का । बेहतरीन गज़ल के लिए बधाई।

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  15. वाह...वाह...
    बहुत सुन्दर...
    ढेरों बधाइयाँ..

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  16. फख्र की बात है .....आपको बहुत बहुत बधाई वर्षा जी

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  17. पांव में छाले यूं ही होते नहीं

    कुछ क़दम तो वो चला होगा ज़रूर।

    बेहतरीन ग़ज़ल है .भाव और संगीत विरेचन पैदा करतें हैं .

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  18. बहुत खुशी हुई यह जानकर कि आपकी ग़ज़ल हुसैन बंधुओं द्वारा गाई गई है।
    बहुत अच्छी ग़ज़ल है।
    बधाई आपको।

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