ग़ज़ल पत्रिका By Dr Varsha Singh
दिल में डेरा डाले हैं यादों के उजियाले हैं
हम तुम जब भी साथ हुए पल वो बड़े निराले हैं
छोटे - छोटे लम्हे भी बेहद ख़ुशियों वाले हैं
ख़्वाब हमारे अपने हैं मिल जुल हमने पाले हैं
ग़म से "वर्षा" डरना क्या ग़म तो देखे- भाले हैं
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