गुरुवार, अगस्त 17, 2017

यादों के ठिकाने....

कभी सोते हुए
कभी जागते हुए
अचानक, अप्रयास
सामने आ जाती हैं
बीते हुए दिनों की कतरनें
                यादों के ठिकाने
                पता नहीं कहां- कहां होते हैं
- डॉ वर्षा सिंह

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