बुधवार, अगस्त 12, 2020

अल्विदा राहत इंदौरी | डॉ. वर्षा सिंह

साँसों की सीढ़ियों से उतर आई ज़िन्दगी
बुझते हुए दिए की तरह, जल रहे हैं हम।

उम्रों की धूप, जिस्म का दरिया सुखा गयी
हैं हम भी आफ़ताब, मगर ढल रहे हैं हम।
    
     ये शेर हैं शायर राहत इंदौरी के, जो अब हमारे बीच नहीं रहे। कोरोना ने उन्हें 11 अगस्त 2020 को हमसे हमेशा के लिए छीन लिया। लेकिन वे भले ही इस दुनिया से कूच कर गए, उनकी शायरी हमेशा ज़िंदा रहेगी।
      राहत इंदौरी की यह ग़ज़ल हमेशा याद रखी जाएगी -
घर से ये सोच के निकला हूँ कि मर जाना है।
अब कोई राह दिखा दे कि किधर जाना है।

जिस्म से साथ निभाने की मत उम्मीद रखो,
इस मुसाफ़िर को तो रस्ते में ठहर जाना है।

मौत लम्हे की सदा ज़िंदगी उम्रों की पुकार,
मैं यही सोच के ज़िंदा हूँ कि मर जाना है।

नश्शा ऐसा था कि मय-ख़ाने को दुनिया समझा,
होश आया तो ख़याल आया कि घर जाना है।

मिरे जज़्बे की बड़ी क़द्र है लोगों में मगर,
मेरे जज़्बे को मिरे साथ ही मर जाना है।

उनके कुछ शेर देखें -

नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से
ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैं।

एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे
वो अलग हट गया आँधी को इशारा कर के।

इन रातों से अपना रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है
नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं।

01 जनवरी 1950 को इंदौर, मध्यप्रदेश में जन्मे राहत इंदौरी ने पूरी दुनिया में अपनी शायरी से धाक जमाई।

न हमसफ़र न किसी हमनशीं से निकलेगा,
हमारे  पाँव  का  काँटा   हमीं  से  निकलेगा।

मैं पत्थर हूँ के मेरे सिर पर ये इल्ज़ाम आता है,
कही भी आईना टूटे मेरा ही नाम आता है ।।

किसी एक कलमकार के चुप होते ही, चुक जाती हैं, संभावनाएं कई। राहत इंदौरी संभावनाओं के कलमकार थे। शायर राहत इन्दौरी को उन्हीं की इस ग़ज़ल के साथ विनम्र श्रद्धांजलि -

ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था ।
मैं बच भी जाता तो इक रोज़ मरने वाला था।

तेरे सलूक तेरी आगही की उम्र दराज़
मेरे अज़ीज़ मेरा ज़ख़्म भरने वाला था।

बुलंदियों का नशा टूट कर बिखरने लगा
मेरा जहाज़ ज़मीन पर उतरने वाला था।

मेरा नसीब मेरे हाथ काट गए वर्ना
मैं तेरी माँग में सिंदूर भरने वाला था।

मेरे चिराग मेरी शब मेरी मुंडेरें हैं
मैं कब शरीर हवाओं से डरने वाला था।
           ------------------

11 टिप्‍पणियां:

  1. हार्दिक आभार मीना भारद्वाज जी 🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. श्रद्धांजलि. सुंदर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ,विनम्र श्रद्धांजलि उन्हें ,सादर नमन आपको

    जवाब देंहटाएं