ग़ज़लयात्रा GHAZALYATRA
ग़ज़ल पत्रिका By Dr Varsha Singh
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माटी की गंध
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बुधवार, दिसंबर 14, 2016
दर्द को समझो
शनिवार, अक्टूबर 29, 2016
आ रही आहट दिवाली की.....
शनिवार, जुलाई 23, 2016
Dr Varsha Singh honoured by Hero Central Motors, Sagar
Dr
My Poetry
फूल सा जीवन व्यर्थ न करना
ग़म से बेशक कभी न डरना
चाहे जितनी अड़चन आए
बीच राह में कभी न रुकना
- डॉ वर्षा सिंह
My Shayari
भोर हो कर भी ज़िन्दगी ठहरी
गर ख़ुमारी न रात की उतरी
ज़िद पे गर आ गये विफल होगी
लाख़ दुश्मन की चाल हो गहरी
आइये मिल के हम करें कोशिश
हो न 'वर्षा' कहीं कभी ज़हरी
- डॉ वर्षा सिंह
रविवार, जून 05, 2016
My Poetry On World Environment Day.... विश्व पर्यावरण दिवस पर...
सोमवार, अप्रैल 18, 2016
My Poetry
सोमवार, मार्च 07, 2016
Happy Women's Day
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