ग़ज़ल पत्रिका By Dr Varsha Singh
वर्षा जी,एक खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई......."ओमप्रकाश यती"
मिले मित्र तो हंसता चांद।वरना तनहा-तनहा चांद।हार्दिक धन्यवाद ओमप्रकाश यती जी!
ओमप्रकाश यती जी, आप अपने ब्लाग का टिप्पणी-द्वार सभी के लिए खोलें।
मिले मित्र तो हंसता चांद।वरना तनहा-तनहा चांद।vAh..Maja a gaya...
सुशांत जैन जी, हार्दिक धन्यवाद !
वर्षा जी,एक खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई......."ओमप्रकाश यती"
जवाब देंहटाएंमिले मित्र तो हंसता चांद।
जवाब देंहटाएंवरना तनहा-तनहा चांद।
हार्दिक धन्यवाद ओमप्रकाश यती जी!
ओमप्रकाश यती जी, आप अपने ब्लाग का टिप्पणी-द्वार सभी के लिए खोलें।
जवाब देंहटाएंमिले मित्र तो हंसता चांद।
जवाब देंहटाएंवरना तनहा-तनहा चांद।
vAh..
Maja a gaya...
सुशांत जैन जी, हार्दिक धन्यवाद !
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