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ग़ज़ल... किसको फ़ुरसत - डॉ. वर्षा सिंह
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Dr. Varsha Singh |
दहशत के ख़त
जीवन आहत
चिंताओं की
मिली विरासत
चौराहों पर
प्रश्न व्यक्तिगत
बंद सिटकनी
टूट गिरी छत
अपना ही शव
ढोती औरत
प्यार निगलकर
हंसती नफ़रत
सुने कहानी
किसको फ़ुरसत
वही फ़लसफ़ा
वही हिक़ारत
किससे “वर्षा”
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जवाब देंहटाएंbahot achche lines hai..dil ko chu lene wai gazal...
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