Dr Varsha Singh |
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज मेरी ताज़ा ग़ज़ल को web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 08 मार्च 2020 में स्थान मिला है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में इसे इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
http://yuvapravartak.com/?p=26132
नारी को सम्मान दो
- डॉ. वर्षा सिंह
मां,भाभी है, बहन है नारी, सदा इसे सम्मान दो।
मानव जीवन पाया है तो मानवता को मान दो।
होली और दिवाली हमको सदा यही सिखलाते हैं
धर्म हमारा मानवता है, इसे नई पहचान दो
आपस में सद्भभाव बढ़ाना, मिलजुल कर हमको रहना
हर चेहरे को अपनेपन की, इक मीठी मुस्कान दो
भारत देश हमारा, इस पर गर्व सदा है, सदा रहेगा
आंच न आए कभी देश पर, इस पर अपनी जान दो
पर्यावरण बचाने का भी तो दायित्व हमारा है
पौधारोपण कर धरती को "वर्षा" जीवनदान दो
---------------
#ग़ज़लवर्षा
#युवाप्रवर्तक
मुझे तो बस इतना पता है कि माँ नहीं होती तो मैं नही होता और पत्नी नहीं होती तो मेरे बच्चे / बेटियाँ नहीं होती। इसकी पटाक्षेप में नानी व दादी की भूमिका कैसे भूल सकता हूँ ।
जवाब देंहटाएंएक पुरुष तो महज कड़ी की भाँति है। हमारा पूर्ण अस्तित्व ही आपकी वजह से है।
महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
हार्दिक आभार 🙏
हटाएंबहुत खूब। उम्दा ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएं--
रंगों के महापर्व
होली की बधाई हो।
हार्दिक धन्यवाद 🙏
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंसुंदर गजल।
नारी सम्मान हर जगह बहुत जरूरी।
नई पोस्ट - कविता २
हार्दिक धन्यवाद 🙏
हटाएं