Dr. Varsha Singh |
तुम मेरे साथ चल के तो देखो
- डॉ. वर्षा सिंह
तुम मेरे साथ चल के तो देखो
दायरे से निकलकर तो देखो
आंसुओं से भरी हुई आंखें
इनमें एक ख़्वाब मल के तो देखो
हर तरफ ओहदों की चर्चा है
आम लोगों से मिलकर तो देखो
स्याह साए में जी लिया जीवन
रोशनी में भी ढल के तो देखो
धुंध में खो गई सदी पूरी
रास्ता तुम बदल के तो देखो
मायने ज़िन्दगी के बदलेंगे
चंद मिसरे ग़ज़ल के तो देखो
ख़ुश्क मौसम ये भीग जाएगा
बनके "वर्षा" पिघल के तो देखो
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(मेरे ग़ज़ल संग्रह "सच तो ये है" से)
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 21 दिसंबर 2020 को 'जवान तैनात हैं देश की सरहदों पर' (चर्चा अंक- 3922) पर भी होगी।--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
हार्दिक आभार रवीन्द्र सिंह यादव जी 🙏
हटाएंहर तरफ ओहदों की चर्चा है
जवाब देंहटाएंआम लोगों से मिलकर तो देखो..बहुत सही..अर्थपूर्ण संदेश से भरी हुई ग़ज़ल...
हार्दिक धन्यवाद प्रिय जिज्ञासा जी 🙏
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंलाजवाब गजल
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया माथुर जी 🙏
हटाएं"ख़ुश्क मौसम यह भीग जाएगा
जवाब देंहटाएंबनके "वर्षा" पिघल के तो देखो"
बहुत उम्दा ग़ज़ल पेश की है आपने।
आपके प्रति बहुत आभार आदरणीय शास्त्री जी 🙏
हटाएंख़ुश्क मौसम ये भीग जाएगा
जवाब देंहटाएंबनके "वर्षा" पिघल के तो देखो..
वाह !! लाजवाब .. अत्यन्त सुन्दर ।
हार्दिक धन्यवाद प्रिय मीना जी 🙏
हटाएंप्यारी सी गजल, सुंदर। ।।।।। शुभकामनाएं आदरणीया।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार सिन्हा जी, मुझे प्रसन्नता है कि मेरी यह ग़ज़ल आपको पसंद आई 🙏
हटाएंबेहद खूबसूरत ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंशुक्रिया तहेदिल से अनुराधा जी 🙏
हटाएंमायने ज़िन्दगी के बदलेंगे
जवाब देंहटाएंचंद मिसरे ग़ज़ल के तो देखो ...
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल...
वाह !!!!
हार्दिक धन्यवाद प्रिय बहन डॉ. (सुश्री) शरद सिंह ❤️🙏❤️
हटाएं
जवाब देंहटाएंतुम मेरे साथ चल के तो देखो
दायरे से निकलकर तो देखो....बहुत सुंदर रचना