रविवार, अक्तूबर 16, 2011

मैं और मेरी ग़ज़लें ......




डॉ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सागर, मध्यप्रदेश के हिन्दी भाषा विभाग में दिनांक 10.10.2011 को ‘समकालीन हिन्दी ग़ज़लः समय और संभावनाएं’ विषय पर आयोजित परिचर्चा और ग़ज़लपाठ के अवसर पर अपनी ग़ज़लों का पाठ करती मैं स्वयं.....