ग़ज़ल पत्रिका By Dr Varsha Singh
bahut sundar panktiyan,sundar rachna
tasweer ki tarah bhaw hain...bahut hi sundar
सागर भी उसे भला लागे पर्वत भी उसे भाये। बहुत सुन्दर गज़ल , बधाई व आभार।
भूली हुई ग़ज़लों के साथ बीते दिनों की याद ...बहुत सुन्दर रचना ...
बहुत ही सुन्दर शब्दों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति ।
संजय कुमार चौरसिया जी, हार्दिक धन्यवाद!
रश्मि प्रभा जी, आपको बहुत-बहुत धन्यवाद... !
संजय दानी जी, हार्दिक धन्यवाद!
संगीता स्वरुप जी,मेरे ब्लॉग पर फिर आने के लिए हार्दिक धन्यवाद! आभार।
Dear Sada , Very-very thanks to you.
संकेतों के झुरमुट में संवादों का खिलना...लाज़वाब अहसास..बहुत सुन्दर गज़ल ...
शर्मा जी,मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए हार्दिक धन्यवाद!आपका स्वागत है।
तुमको भी उजालों के सपने तो नहीं आये बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ।
निवेदिता जी,मेरे ब्लॉग पर आने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
bahut khoobsoorat gazal ..
शारदा अरोरा जी, हार्दिक धन्यवाद!
सुन्दर,बहुत सुन्दर।साधुवाद!
Your Gazals are so nice........very beautiful ghazal Lahzab feeling ...want to no some thing about Electro-Homoeopthy Medicine did you write any books on this......i am also intrested in EHRahulrahu.musu@gmail.com
"man daud ke beete din muthhthhi me uthhaalaaye ,bhooli hui gazlon ko jab saanjh koi gaaye ,varshaa kee gazlon ko jab saanjh koi gaaye "veerubhai .
bahut sundar panktiyan,
जवाब देंहटाएंsundar rachna
tasweer ki tarah bhaw hain...bahut hi sundar
जवाब देंहटाएंसागर भी उसे भला लागे पर्वत भी उसे भाये।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गज़ल , बधाई व आभार।
भूली हुई ग़ज़लों के साथ बीते दिनों की याद ...बहुत सुन्दर रचना ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर शब्दों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसंजय कुमार चौरसिया जी, हार्दिक धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंरश्मि प्रभा जी, आपको बहुत-बहुत धन्यवाद... !
जवाब देंहटाएंसंजय दानी जी, हार्दिक धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसंगीता स्वरुप जी,मेरे ब्लॉग पर फिर आने के लिए हार्दिक धन्यवाद! आभार।
जवाब देंहटाएंDear Sada , Very-very thanks to you.
जवाब देंहटाएंसंकेतों के झुरमुट में संवादों का खिलना...लाज़वाब अहसास..बहुत सुन्दर गज़ल ...
जवाब देंहटाएंशर्मा जी,मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए हार्दिक धन्यवाद!आपका स्वागत है।
जवाब देंहटाएंतुमको भी उजालों के सपने तो नहीं आये
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ।
निवेदिता जी,मेरे ब्लॉग पर आने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंbahut khoobsoorat gazal ..
जवाब देंहटाएंशारदा अरोरा जी, हार्दिक धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसुन्दर,बहुत सुन्दर।साधुवाद!
जवाब देंहटाएंYour Gazals are so nice........very beautiful ghazal Lahzab feeling ...want to no some thing about Electro-Homoeopthy Medicine did you write any books on this......i am also intrested in EH
जवाब देंहटाएंRahul
rahu.musu@gmail.com
"man daud ke beete din muthhthhi me uthhaalaaye ,
जवाब देंहटाएंbhooli hui gazlon ko jab saanjh koi gaaye ,
varshaa kee gazlon ko jab saanjh koi gaaye "
veerubhai .