very nice... आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 01-08-2011 को चर्चामंच http://charchamanch.blogspot.com/ पर सोमवासरीय चर्चा में भी होगी। सूचनार्थ
शब्द वर्षा रहे ग़ज़ल में भावों को पढ़ा सुमन तो खिल गया होगा सादर श्यामल सुमन 09955373288 http://www.manoramsuman.blogspot.com http://meraayeena.blogspot.com/ http://maithilbhooshan.blogspot.com/
सुन्दर रचना .-राह में थक गए कदम होंगे , कोई अपना सा मिल गया होगा . http://sb.samwaad.com/ http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/http://veerubhai1947.blogspot.com/कृपया यहाँ भी कृतार्थ करें .
इक इक हर्फ़ जैसे खुद में इक ग़ज़ल कहता है ...तखल्लुस के प्रयोग की जितनी तारीफ करूँ कम है कभी आरंभन पर भी आकर हमे कृतार्थ करें http://aarambhan.blogspot.com
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/http://sb.samwaad.com/ खूब कहतीं हैं आप ग़ज़ल ,बारहा पढने चले आतें हैं , प्रेम के सूक्ष्म रूप को देतीं हैं अलफ़ाज़ ये ग़ज़लें .कहने चले आतें हैं .शुक्रिया आपका ब्लॉग पर टिपियाने का .
फिर कोई नया गीत गाओ ,ग़ज़ल बन छा जाओ ...."...पूर्ती आप कीजिए कृपया यहाँ भी पधारें - http://www.blogger.com/home http://veerubhai1947.blogspot.com/ http://sb.samwaad.com/ http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
रंजो गम अब नहीं हमको .शुक्रिया क्यों अदा करें उनका ." बहर सूरत आपकी शानदार प्रस्तुतियों का इंतज़ार करने का हक़ हासिल है हमको . शुक्रवार, ५ अगस्त २०११ Erectile dysfunction? Try losing weight Health ...क्या भारतीयों तक पहुच सकेगी यह नई चेतना ? Posted by veerubhai on Monday, August 8 Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Bio Cremation, जैव शवदाह, पर्यावरण चेतना, बायो-क्रेमेशन /http://sb.samwaad.com/
"कोई अपना सा मिल गया हमको , रंजो गम अब नहीं हमको .शुक्रिया क्यों अदा करें उनका ." बहर सूरत आपकी शानदार प्रस्तुतियों का इंतज़ार करने का हक़ हासिल है हमको . शुक्रवार, ५ अगस्त २०११ Erectile dysfunction? Try losing weight Health ...क्या भारतीयों तक पहुच सकेगी यह नई चेतना ? Posted by veerubhai on Monday, August 8 Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Bio Cremation, जैव शवदाह, पर्यावरण चेतना, बायो-क्रेमेशन /http://sb.samwaad.com/
Bahut Achha likha hai apne Dr, Varsha Singh ji Apne aur bahut khubsurat andaaz se
Sahi comments diya hai Smt Sangeeta Swaroop Ji ne.. बहुत खूबसूरत ..यूँ ही जलता रहे चाहत का दीप और रोशन रहे ज़िंदगी :)
Aankhen muskuraati hai in nigaaho ko dekha pata chal.Muskuaan Labon Se Kitni Pyaari hoti Hai jo Khud ba khud har dekhne waale k labon me muskaan ki lehar Sajaa deti hai .Waaah
वाह ... बहुत खूबसूरत ..यूँ ही जलता रहे चाहत का दीप और रोशन रहे ज़िंदगी :)
जवाब देंहटाएंwaah kya khub kahi
जवाब देंहटाएंvarsha ji
behtreen
वाह बहुत ही खूबसूरत ख्याल्।
जवाब देंहटाएंbhaut sunder gazal....
जवाब देंहटाएंहर बार कि तरह खूबसूरत और सुन्दर ख्यालों से सजी प्यारी गज़ल |
जवाब देंहटाएंजब अपनापन बसता है,
जवाब देंहटाएंकोई हृदय में हँसता है।
बहुत अच्छी प्रस्तुति |बधाई
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल...
जवाब देंहटाएंसुन्दर खयालात हैं...बहुत खुबसूरत ग़ज़ल कही है आपने...
जवाब देंहटाएंसादर...
बहुत सुन्दर ग़ज़ल......
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही खूबसूरत ख्याल्
जवाब देंहटाएंखूबसूरत, सुन्दर.... ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंvery nice...
जवाब देंहटाएंआपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 01-08-2011 को चर्चामंच http://charchamanch.blogspot.com/ पर सोमवासरीय चर्चा में भी होगी। सूचनार्थ
pyar ki sunder prastuti............
जवाब देंहटाएंसंगीता स्वरुप जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी इस गज़ल को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
आपको अनेक धन्यवाद .
दीप्ति शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
मेरे ब्लॉग पर आपके विचारों का हमेशा स्वागत है।
वन्दना जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......
विचारों से अवगत कराने के लिए.. हार्दिक धन्यवाद.
सागर जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
मीनाक्षी पंत जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....
प्रवीण पाण्डेय जी,
जवाब देंहटाएंकाव्यात्मक टिप्पणी के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
आशा जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......
विचारों से अवगत कराने के लिए. हार्दिक धन्यवाद.
कुमार जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया.... आभारी हूं।
एस एम हबीब जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
डॉ॰ मोनिका शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
संजय कुमार चौरसिया जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.
गिरीश पंकज जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ जी,
जवाब देंहटाएंआपकी इस सूचना ने मेरा उत्साह बढ़ाया है. इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
रोशी जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह मेरी गज़ल को मिला.....यह मेरा सौभाग्य है.
आत्मीय टिप्पणी के लिए अत्यंत आभार....
behtreen gajal ,,,,,subhan allah...
जवाब देंहटाएंjai hind jai bharat
साजन आवारा जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया आभारी हूं।
हार्दिक धन्यवाद!
ये रंग ही ऐसा है कि इसके पड़ते ही इन्द्रधनुषी रंग बिखर जाते हैं।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ग़ज़ल।
मनोज कुमार जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
शब्द वर्षा रहे ग़ज़ल में भावों को
जवाब देंहटाएंपढ़ा सुमन तो खिल गया होगा
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
http://www.manoramsuman.blogspot.com
http://meraayeena.blogspot.com/
http://maithilbhooshan.blogspot.com/
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति , सुन्दर भावाभिव्यक्ति , आभार
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें
इन्द्रधनुषी ओढनी ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे भाव
mind blowing gajal ji .love song whispering one to
जवाब देंहटाएंone ,saying thanks ../
KYA KAHANE......BAHUT BADHIYA
जवाब देंहटाएंहर तरफ़ रौशनी की वर्षा है
जवाब देंहटाएंदीप चाहत का जल गया होगा।
बेहतरीन शे"र , ख़ूबसूरत ग़ज़ल ।
हर तरफ़ रौशनी की वर्षा है
जवाब देंहटाएंदीप चाहत का जल गया होगा.
तख़ल्लुस का अर्थपूर्ण इस्तेमाल आपकी विशेषता है.
ग़ज़ल अच्छी है.
bahut sundar kavita mam
जवाब देंहटाएंश्यामल सुमन जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरी ग़ज़ल पसन्द आई। आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
एस एन शुक्ला जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
वंदना जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
उदय वीर सिंह जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी ग़ज़ल को पसन्द किया..सुखद लगा ...
आभारी हूं।
अना जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
डॉ संजय दानी जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
कुंवर कुसुमेश जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी गज़ल आपको पसन्द आई.... बहुत-बहुत आभार......
कनु जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल आपको पसन्द आई यह जान कर सुखद अनुभव हुआ.
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....आपका सदा स्वागत है।
चाँद माथे की बन गया बिंदिया ,
जवाब देंहटाएंमन ख़ुशी से मचल गया होगा .
कहाँ से लातिन हैं आप अलफ़ाज़ .हिमोग्लोबीन से ...
bahut sunder
जवाब देंहटाएंmohak rachna
abhaar
naaz
बहुत ही खूबसूरत ख्याल्।
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत खूब कहा है आपने ।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही खूबसूरत ख्याल्।
जवाब देंहटाएंummede kitni pyari pyari hi sochi jati hai na?
जवाब देंहटाएंsunder abhivyakti.
वाह एक और उम्दा ग़ज़ल.
जवाब देंहटाएंsunder
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना .-राह में थक गए कदम होंगे ,
जवाब देंहटाएंकोई अपना सा मिल गया होगा .
http://sb.samwaad.com/
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/http://veerubhai1947.blogspot.com/कृपया यहाँ भी कृतार्थ करें .
वीरू भाई जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
मृदुला हर्षवर्धन जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी ग़ज़ल को पसन्द किया..सुखद लगा ...
आभारी हूं।
सरोज राठौर जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी गज़ल आपको पसन्द आई.... बहुत-बहुत आभार......
सदा जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया...
हार्दिक धन्यवाद !
विद्या जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार...
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।
अनामिका जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया आभारी हूं।
हार्दिक धन्यवाद!
काजल कुमार जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरी गज़ल पसन्द आई।
हार्दिक धन्यवाद! सम्वाद बनाए रखें।
सी.एस.देवेन्द्र के शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद !
वीरू भाई जी,
जवाब देंहटाएंआमन्त्रण के लिए आभार....
बहुत सुन्दर......गज़ब के अलफ़ाज़..
जवाब देंहटाएंइक इक हर्फ़ जैसे खुद में इक ग़ज़ल कहता है
...तखल्लुस के प्रयोग की जितनी तारीफ करूँ कम है
कभी आरंभन पर भी आकर हमे कृतार्थ करें
http://aarambhan.blogspot.com
bahut achchi ghazal.mujhe ghazal humesha achchi lagti hai.
जवाब देंहटाएंhttp://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/http://sb.samwaad.com/
जवाब देंहटाएंखूब कहतीं हैं आप ग़ज़ल ,बारहा पढने चले आतें हैं ,
प्रेम के सूक्ष्म रूप को देतीं हैं अलफ़ाज़ ये ग़ज़लें .कहने चले आतें हैं .शुक्रिया आपका ब्लॉग पर टिपियाने का .
एक गहरी छाप छोड़्ती है यह कविता मन पर!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत शब्दों का संगम ...बधाई इस बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिये ।
जवाब देंहटाएंshandar ghazal ke liye hadik badhayee..puri ghazal mujhe behad bhai..lekin pahle do sher dil ko choo gaye..pranam ke sath
जवाब देंहटाएंReally very impressive!
जवाब देंहटाएंफिर कोई नया गीत गाओ ,ग़ज़ल बन छा जाओ ...."...पूर्ती आप कीजिए
जवाब देंहटाएंकृपया यहाँ भी पधारें - http://www.blogger.com/home
http://veerubhai1947.blogspot.com/
http://sb.samwaad.com/
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
कोमल अहसासों को पिरोती हुई खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल...छूती है कहीं भीतर तक...बधाई.
जवाब देंहटाएंएस. विक्रम जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी इस गज़ल को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
आपको अनेक धन्यवाद .
राजेश कुमारी जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरी यह गज़ल आपको पसन्द आई. आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.
संजय भास्कर जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
संजय भास्कर जी,
जवाब देंहटाएंआपके पुनः आगमन.... और इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आशुतोष मिश्र आशू जी,
जवाब देंहटाएंआपका आना सुखद लगा ....
आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया.
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार
Rajeev Panchhi ji,
जवाब देंहटाएंVery-very thanks for your valuable comment.
Veerubhai ji,
जवाब देंहटाएंIt's a pleasure to have you on my blog. regards.
डोरोथी जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.
समीरलाल जी, Udan Tashtari
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद...
मेरे ब्लॉग पर आपका हमेशा स्वागत है,कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
खूबसूरत, मनभावन, अनुपम प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंकोमल मधुर भावों का अहसास कराती हुई.
आभार.
मेरे ब्लॉग पर आपके दर्शनों की अपेक्षा है.
राकेश कुमार जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरी यह गज़ल आपको पसन्द आई. आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
http://sb.samwaad.com/
जवाब देंहटाएंhttp://sb.samwaad.com/ शुक्रिया मैम.
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद !
रंजो गम अब नहीं हमको .शुक्रिया क्यों अदा करें उनका ." बहर सूरत आपकी शानदार प्रस्तुतियों का इंतज़ार करने का हक़ हासिल है हमको . शुक्रवार, ५ अगस्त २०११
जवाब देंहटाएंErectile dysfunction? Try losing weight Health
...क्या भारतीयों तक पहुच सकेगी यह नई चेतना ?
Posted by veerubhai on Monday, August 8
Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Bio Cremation, जैव शवदाह, पर्यावरण चेतना, बायो-क्रेमेशन /http://sb.samwaad.com/
"कोई अपना सा मिल गया हमको ,
जवाब देंहटाएंरंजो गम अब नहीं हमको .शुक्रिया क्यों अदा करें उनका ." बहर सूरत आपकी शानदार प्रस्तुतियों का इंतज़ार करने का हक़ हासिल है हमको . शुक्रवार, ५ अगस्त २०११
Erectile dysfunction? Try losing weight Health
...क्या भारतीयों तक पहुच सकेगी यह नई चेतना ?
Posted by veerubhai on Monday, August 8
Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Bio Cremation, जैव शवदाह, पर्यावरण चेतना, बायो-क्रेमेशन /http://sb.samwaad.com/
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंआग्रह के लिए आभार...
वाह...जवाब नहीं....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
Bahut Achha likha hai apne Dr, Varsha Singh ji Apne aur bahut khubsurat andaaz se
जवाब देंहटाएंSahi comments diya hai Smt Sangeeta Swaroop Ji ne..
बहुत खूबसूरत ..यूँ ही जलता रहे चाहत का दीप और रोशन रहे ज़िंदगी :)
Aankhen muskuraati hai in nigaaho ko dekha pata chal.Muskuaan Labon Se Kitni Pyaari hoti Hai jo Khud ba khud har dekhne waale k labon me muskaan ki lehar Sajaa deti hai .Waaah
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंजानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरी ग़ज़लें पसन्द आती हैं....
वीना जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.
रामकृष जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी इस गज़ल को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
आपको अनेक धन्यवाद .
bahut khub sada ki tarah
जवाब देंहटाएंबेहद ख़ूबसूरत गज़ल...
जवाब देंहटाएंरचना जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
कैलाश जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरी यह गज़ल आपको पसन्द आई.
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
कोई अपना सा मिल गया होगा ...
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही खूबसूरत गज़ल ... सुभान अल्ला इस अदायगी पर ... बारिश में भीगती बूंदों की तरह ...
बहुत अच्छा गागर में सागर भरा है।
जवाब देंहटाएं