itne dino tak geet kavita aur ghazal kuch bhee na tha chuppiyon se tay hua tha blog mitro ka safar
hindi department sagar me aapki kavitaon ko sunne ke itne dino baad aapko punah padhne ka mauka mila...behtarin ghazal ke liye sadar badhayee aaur amantran ke sath
हार्दिक आभार...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, लाजबाब !
जवाब देंहटाएंलम्बे अंतराल के बाद स्वागत है आपका आदरणीय वर्षा सिंह जी
दिल से लिखी गई सुन्दर ग़ज़ल ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय वर्षा सिंह जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्वागत है !
सुन्दर ग़ज़ल
बहुत दिन बाद ज़बरदस्त गजल पढ़ कर मज़ा आ गया।
जवाब देंहटाएंसादर
ati sundar ghazal ....dil ko chhoo gayi
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ग़ज़ल ...
जवाब देंहटाएंअब हवा के शोर में सब शब्द घुट घुट मर रहे,
जवाब देंहटाएंहृदय के हर हाल पर, लिखती रहें अपनी खबर।
लंबी गैर-हाजरी के बाद ....अपनी सुंदर गजल के साथ इस ब्लॉग-जगत में आप का स्वागत है ...उम्मीद है आप खुश और स्वस्थ होंगी ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनाये !
lagta hai jyada hi asar ho gaya aur lagta hai ab apko ye blog bhi paraya lagta hai tabhi itne dino baad dekha.
जवाब देंहटाएंbahut sunder ,........bahut din baad aap blog per ayi hai
जवाब देंहटाएंबहुत खूब , लाजवाब गजल ...
जवाब देंहटाएंमेरी टिप्पणी कहाँ चली गई,वर्षा जी.
जवाब देंहटाएंlajawab gazal
जवाब देंहटाएंगज़ब
हटाएंबहुत खूब...
जवाब देंहटाएंआपको सुनना भी अच्छा लगा..
शुभकामनाएँ.
itne dino tak geet kavita aur ghazal kuch bhee na tha
जवाब देंहटाएंchuppiyon se tay hua tha blog mitro ka safar
hindi department sagar me aapki kavitaon ko sunne ke itne dino baad aapko punah padhne ka mauka mila...behtarin ghazal ke liye sadar badhayee aaur amantran ke sath
बहुत खूब, गजल भी और प्रस्तुति भी।
जवाब देंहटाएं------
..की-बोर्ड वाली औरतें।
बहुत खूबसूरत वर्षा जी
जवाब देंहटाएंbhad khoobsurat ghazal....
जवाब देंहटाएंbehad khoobsurat ghazal...
जवाब देंहटाएंपढके ग़ज़ल ये आपकी मन फाग हो गया ....सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति .आभार . ' लोग कहतें हैं की वर्षा है ये चाहत का असर ',कोई झूठ भला क्यों बोलेगा .
जवाब देंहटाएंलाजवाब गजल ...
जवाब देंहटाएंशायराना हो गई है भोर ....रातें शायरी ........बहुत खूब
nice
जवाब देंहटाएंबात ही बात में कुछ बात ऐसी कह देना
जवाब देंहटाएंयह हुनर सीखने से कब किसे मिल सकता है
अच्छा हुआ की आज यहाँ आ गए ... स्नेह और आशीर्वाद