रविवार, अगस्त 04, 2019

शुभ मित्रता दिवस HAPPY FRIENDSHIP DAY dt. 04. 08.2019

Dr. Varsha Singh
           मेरी इस ग़ज़ल को web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 24 जुलाई 2019 में स्थान मिला है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में इसे इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
http://yuvapravartak.com/?p=17135

*ग़ज़ल*

दोस्त वही सच्चा है ....

                 - डॉ. वर्षा सिह

भूली बिसरी याद जाग कर हलचल करती है दिल में ।
सूखा फूल मिला हो जैसे किसी पुराने नाविल में ।

एक हंसी दे जाता है और एक ख़ुशी ले जाता है,
फ़र्क यही होता है जीवनदाता में और क़ातिल में ।

होना क्या था और हुआ क्या, भेद न मन कर पाता है,
अर्थ बदल जाते हैं अक़्सर सपनों वाली झिलमिल में ।

यूं तो सूची बहुत बड़ी है, "लाइक" करने वालों की,
लेकिन दोस्त वही सच्चा है काम जो आये  मुश्किल में ।

"वर्षा" नफरत के बदले में नफरत ही हासिल होती,       छिपी हुई रहती है दुनिया नन्हीं सी इस्माइल में ।
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#ग़ज़लवर्षा
ग़ज़ल- डॉ. वर्षा सिंह # ग़ज़लवर्षा

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (05-08-2019) को "नागपञ्चमी आज भी, श्रद्धा का आधार" (चर्चा अंक- 3418) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. आदरणीय डॉ. शास्त्री जी,हार्दिक आभार 🙏

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  3. अर्थ बदल जाते हैं अक़्सर सपनों वाली झिलमिल में।... वाह क्या खूब ल‍िखा है वर्षा जी

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  4. बहुत बहुत धन्यवाद अलकनंदा सिंह जी 🙏🌺🙏

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