सोमवार, मई 04, 2020

कोरोना काल में किताबें और शायरी - डॉ. वर्षा सिंह


Dr. Varsha Singh
इस कोरोना काल में टोटल लॉकडाउन की स्थिति में किताबों का बहुत बड़ा सहारा है।
किताब की अहमियत पर यह शेर देखें...
क़ब्रों में नहीं हम को किताबों में उतारो
हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरे हैं
- एजाज तवक्कल

यूं तो  स्कूलों- कॉलेजों में पाठ्यक्रम की किताबों से ख़ूब जी चुराते हैं सभी, लेकिन बाद में किताबों से मोहब्बत हो जाती है...
देखी नही किताब उठाकर,
खेल-कूद में समय गँवाया ।
अब सिर पर आ गई परीक्षा,
माथा मेरा चकराया ।।

नाहक अपना समय गँवाया,
मैं यह ख़ूब मानता हूँ ।
स्वाद शून्य का चखना होगा,
मैं यह ख़ूब जानता हूँ ।।
- रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’

किताबों में पढ़े हुए सबक विपरीत परिस्थितियों में याद आते हैं....
कुछ और सबक़ हम को ज़माने ने सिखाए
कुछ और सबक़ हम ने किताबों में पढ़े थे
- हस्तीमल हस्ती

किताबों की दुनिया में जा कर व्यक्ति स्वयं की चिन्ताओं को भूल जाता है....
ये इल्म का सौदा, ये रिसाले, ये किताबें
इक शख़्स की यादों को भुलाने के लिए हैं
- जाँ निसार अख़्तर

     तो मित्रों, इन दिनों किताबें ही सहारा हैं Stay Home Stay Safe with favorite books of Ghazals 😊 🙏

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत धन्यवाद आदरणीय शास्त्री जी 🙏

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  2. बहुत सुंदर बात कही आपने ,किताबे सबसे अच्छी साथी होती हैं और उस दोस्त का महत्व अभी बाखूबी पता चल रहा हैं ,सादर नमस्कार

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