ग़ज़ल पत्रिका By Dr Varsha Singh
कहानी गीत और गज़ल औरतदूसरे के दुख से मचल औरत ओढ के समाज में गमों का लिबास देती है ज़िन्दगी यूँ सज़ल औरत
bahut hi sundar baat ki aapnevarsha ji, bahut bahut aabharin sundar panktiyon ke liye
zindagi ka aarambh auratzindagi ka saar aurat
बिल्कुल सही और भावना से परिपूर्ण लिखा है ...
नारी जीवन के त्याग और व्यथा को बहुत सुंदरता से उकेरा है...हरेक शेर दिल को छू जाता है..
badhai...sundar shero ki varshaa k liye...
shild, shabd sanyojan, vyangya sab kamaal ka hai...Badhaai...
♛ अनुपम अग्रवाल जी ✤ संजय कुमार चौरसिया जी ♛ रश्मि प्रभा जी ✤ संगीता स्वरुप जी ♛ कैलाश शर्मा जी ✤ गिरीश पंकज जी ♛ सुशांत जैन जी आप सभी का हार्दिक धन्यवाद! सम्वाद क़ायम रखें।
jahan sneh mila wahi bati si jali manviya padap ki ye anmani kali .yahi hai aurat ki fitrat ,badhut badhiya likha hai aapne .badhai .
प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति ..
ज्योति सिंह जी, हार्दिक धन्यवाद! सम्वाद क़ायम रखें।
निवेदिता जी, बहुत -बहुत ..शुक्रिया.
नए आयामों की ग़ज़ल.सच यही है ज़रा इसे समझो ज़िंदगी का सही पता औरत.बहुत ही बढ़िया अभिव्यक्ति.आपकी कलम को सलाम.
Sagebob ji,Thanks for your comments.Hope you will be give me your valuable response on my future posts.
सच यही है जरा इसे समझो जिन्दगी का सही पता औरत उम्दा ग़ज़ल ...हर शेर खूबसूरत
सुरेन्द्र सिंह ‘ झंझट ’जी,आप को हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
ललित शर्मा जी,मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका शुक्रिया...मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
bahut hi sunderaapne nari ke har rup ko dikha diyaaabhar...mai aapka anusharan kar rhi hu..
दीप्ति शर्मा जी,मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका धन्यवाद एवं आभार.....मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
ग़ज़ल अच्छी है।
प्रदीप कांत जी,आपको बहुत-बहुत धन्यवाद... मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
"ZINDGEE KAA SAHI PATAA AURAT "-bahut khoob !KUCHCHH NA BEZAA KAHAA AAPNE RANCH BHI BHOGI HUI EK SAZAA AURAT .KUCHCHH TO DEKHO ! ZARAA !KYAA MAZAA HI MAZAA AURAT ?GUSTAAKHI KE LIYE MUAAFI,veerubhai .
MUSHAAYRAA HAI ,RASIYAA ,BALAA AURAT ,KHUDA KEE KHUDAAI ,RAHI AURAT !veerubhai .
YE YOO BHI HO SAKTAA THAA-MUSHAAYRAA HAI ,BADHIYAA GAZAL ,AURAT !
Garbh me roz hoti dafan aurat ,Yaatnaa kaa vo zindaa shivir aurat.zindgee kee poori kitaab ,Vafaa aurat .bhaavon ko nai parvaaz aur aalodan de jaatin hain aapki likhi kahi ,padhi panktiyaan .veerubhai .
कहानी गीत और गज़ल औरत
जवाब देंहटाएंदूसरे के दुख से मचल औरत
ओढ के समाज में गमों का लिबास
देती है ज़िन्दगी यूँ सज़ल औरत
bahut hi sundar baat ki aapne
जवाब देंहटाएंvarsha ji, bahut bahut aabhar
in sundar panktiyon ke liye
zindagi ka aarambh aurat
जवाब देंहटाएंzindagi ka saar aurat
बिल्कुल सही और भावना से परिपूर्ण लिखा है ...
जवाब देंहटाएंनारी जीवन के त्याग और व्यथा को बहुत सुंदरता से उकेरा है...हरेक शेर दिल को छू जाता है..
जवाब देंहटाएंbadhai...sundar shero ki varshaa k liye...
जवाब देंहटाएंshild, shabd sanyojan, vyangya sab kamaal ka hai...
जवाब देंहटाएंBadhaai...
♛ अनुपम अग्रवाल जी
जवाब देंहटाएं✤ संजय कुमार चौरसिया जी
♛ रश्मि प्रभा जी
✤ संगीता स्वरुप जी
♛ कैलाश शर्मा जी
✤ गिरीश पंकज जी
♛ सुशांत जैन जी
आप सभी का हार्दिक धन्यवाद! सम्वाद क़ायम रखें।
jahan sneh mila wahi bati si jali
जवाब देंहटाएंmanviya padap ki ye anmani kali .
yahi hai aurat ki fitrat ,badhut badhiya likha hai aapne .badhai .
प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति ..
जवाब देंहटाएंज्योति सिंह जी, हार्दिक धन्यवाद! सम्वाद क़ायम रखें।
जवाब देंहटाएंनिवेदिता जी, बहुत -बहुत ..शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंनए आयामों की ग़ज़ल.
जवाब देंहटाएंसच यही है ज़रा इसे समझो
ज़िंदगी का सही पता औरत.
बहुत ही बढ़िया अभिव्यक्ति.
आपकी कलम को सलाम.
Sagebob ji,Thanks for your comments.Hope you will be give me your valuable response on my future posts.
जवाब देंहटाएंसच यही है जरा इसे समझो
जवाब देंहटाएंजिन्दगी का सही पता औरत
उम्दा ग़ज़ल ...हर शेर खूबसूरत
सुरेन्द्र सिंह ‘ झंझट ’जी,
जवाब देंहटाएंआप को हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
ललित शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका शुक्रिया...
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
bahut hi sunder
जवाब देंहटाएंaapne nari ke har rup ko dikha diya
aabhar
...mai aapka anusharan kar rhi hu
..
दीप्ति शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका धन्यवाद एवं आभार.....
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
ग़ज़ल अच्छी है।
जवाब देंहटाएंप्रदीप कांत जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद...
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
"ZINDGEE KAA SAHI PATAA AURAT "-bahut khoob !
जवाब देंहटाएंKUCHCHH NA BEZAA KAHAA AAPNE RANCH BHI
BHOGI HUI EK SAZAA AURAT .
KUCHCHH TO DEKHO ! ZARAA !KYAA MAZAA HI MAZAA AURAT ?
GUSTAAKHI KE LIYE MUAAFI,
veerubhai .
MUSHAAYRAA HAI ,RASIYAA ,BALAA AURAT ,
जवाब देंहटाएंKHUDA KEE KHUDAAI ,RAHI AURAT !
veerubhai .
YE YOO BHI HO SAKTAA THAA-
जवाब देंहटाएंMUSHAAYRAA HAI ,BADHIYAA GAZAL ,AURAT !
Garbh me roz hoti dafan aurat ,
जवाब देंहटाएंYaatnaa kaa vo zindaa shivir aurat.
zindgee kee poori kitaab ,
Vafaa aurat .
bhaavon ko nai parvaaz aur aalodan de jaatin hain aapki likhi kahi ,padhi panktiyaan .
veerubhai .