वर्षा जी प्यार की खुशबु से महकी आपकी ये रचना.....प्यार की गहराई में डुबने को कहती है...बहुत ही सुंदरता से एहसासों को शब्दों में ढ़ाला है आपने...लाजवाब।
दर्शन कौर धनोए जी, मेरी गज़ल को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार.... मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है! कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (2.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/ चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
यशवन्त माथुर जी, अत्यन्त आभारी हूं आपकी...... विचारों से अवगत कराने के लिए.हार्दिक धन्यवाद. मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आभार... आपका हमेशा स्वागत है।
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर" जी, आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया.... आभारी हूं। मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद. कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
आद. वर्षा जी, इश्क का दरिया थाह नहीं, जाने कितनी गहराई ! बड़े ही सलीके से अपनी बात कह जाने का हुनर आपके शेरों में मिलता है ! आपकी ग़ज़लों का ज़वाब नहीं ! आभार !
ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी, आपके आत्मीय विचारों ने मझे अनुत्तरित कर दिया है..... मैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा, अत्यन्त आभारी हूं आपकी. कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
मेरे ब्लाग पर आ कर ,मुझ जैसे नाचीज को अपने ब्लाग पर न्योता देने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया ! यहाँ आ कर जो पड़ने को मिला उस पर मैं टिप्पणी के काबिल नही ! पर मेरे एहसासों ने उन्हें अपने पुरे एहसासों से मेहसूस किया है !बस... बहुत खुश और सेहतमंद रहें! शुभकामनाएँ ! अशोक सलूजा !
अशोक सलूजा जी, यह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरी यह गज़ल आपको पसन्द आई. आपको बहुत बहुत धन्यवाद ! मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है! मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने और अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक आभार!
श्रीमान जी,क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
बहुत ही सुंदर लिख हा है दिल को छु लिया आपकी इस रचना ने... हमारे ब्लॉग पर आ कर अपने विचार व्यक्त करने क लिए बहुत बहुत धन्यवाद.... हमने आपको फोल्लो कर लिया है.....
चाहत गुपचुप लेती है
जवाब देंहटाएंमन ही मन में अंगडाई .....छोटी बहर में अच्छे शेर हुए हैं....बधाई!
--देवेंद्र गौतम
देवेंद्र गौतम जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद...
आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया.... आभारी हूं।
कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
उसमें रब की परछाई...... बेमिसाल पंक्ति है.... वर्षाजी.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
आदरणीय वर्षा जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
इतनी सुन्दर अभिव्यक्ति। दिल बाग बाग हो गया।
लाज़वाब! बहुत सुन्दर प्रेममयी भावपूर्ण प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंरब की परछाई
जवाब देंहटाएंयही तो किसी के प्रति समर्पण के भाव की बात है, और इस अहसास को जिन्दा रखना कोई आसन नहीं ..बहुत सुदर भाव और शब्दों का अनूठा संगम
आदरणीय वर्षा जी, नमस्कार !
जवाब देंहटाएंaapki rachnaon ka koi jabab nahin hai mere paas,
aapki sabhi rachnayen ek se badkar ek, hamesha intjaar rahta hai, aapki rachnaon ka
पूरी ग़ज़ल बेहतरीन.
जवाब देंहटाएंऔर ये शेर ;-
खुशबू बनकर यादों ने,
मेरी दुनिया महकाई.
वाह वाह.
Bahut sundar gazal likhi haae apne .or usse bhi sundar alfaaj haae .
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंपूरी ग़ज़ल बेहतरीन.
वाह वाह.
वर्षा जी प्यार की खुशबु से महकी आपकी ये रचना.....प्यार की गहराई में डुबने को कहती है...बहुत ही सुंदरता से एहसासों को शब्दों में ढ़ाला है आपने...लाजवाब।
जवाब देंहटाएंडॉ॰ मोनिका शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
संजय भास्कर जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
संजय भास्कर जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर पुनः आपका स्वागत है!
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
केवल राम जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी गज़ल आपको पसन्द आई....
बहुत-बहुत आभार......
संजय कुमार चौरसिया जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए..
हार्दिक धन्यवाद.
कुंवर कुसुमेश जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
दर्शन कौर धनोए जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।
दीपक सैनी जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया.
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
Er. सत्यम शिवम जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए.
हार्दिक धन्यवाद.
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (2.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
Er. सत्यम शिवम जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं.
यह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपने मेरी ग़ज़ल का चयन शनिवासरीय चर्चा मंच हेतु किया है .
आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
एवं पुनः हार्दिक आभार !
बहुत सुन्दर ग़ज़ल.
जवाब देंहटाएंसलाम.
खुशबू बनकर यादों ने,
जवाब देंहटाएंमेरी दुनिया महकाई.
बहुत ही खुबसूरत शेर, बहुत खूब..... .
ग़ज़ल का हर शे’र लाजवाब है। मुझे अंतिम शे’र काफ़ी पसंद आया।
जवाब देंहटाएंसंवेदनाओ से अताप्रोत एक बेहतरीन ग़ज़ल,, आपकी लेखनी का में कायल हूँ, शब्द विन्यास की जितनी तारीफ की जाये कम है , बधाई
जवाब देंहटाएंइश्क का दरिया थाह नहीं
जवाब देंहटाएंजाने कितनी गहराई
बिल्कुल सच कहा है...........उम्दा ग़ज़ल
प्रभावी अभिव्यक्ति ....
जवाब देंहटाएंउसमें रब दिखता है .....
वाह !
क्या कहने ...
prem hi rab hai -
जवाब देंहटाएंsunder soch aur sunder abhivyakti .
waah varsha ji..aap to jo v likhti hai kamal ka likhti hai....padhke bakai bhut acchha lagta gai...mubarak baad aapko....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी आपकी यह गज़ल!
जवाब देंहटाएंसादर
varsha ne akshar dekhi usme rab ki parchhayee:)
जवाब देंहटाएंbahut khub!! umda...:)
waise "kisme"????:D....thora vyangya to banta hai na..:)
बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंखूबसूरत ...
जवाब देंहटाएंइश्क का दरिया थाह नहीं ....जाने कितनी गहराई ..बहुत सुन्दर ...हर अशआर लाजवाब ...
khubsoorat ghazal hai
जवाब देंहटाएंइश्क का दरिया थाह नहीं
जाने कितनी गहराई
kya baat hai
विशाल जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
सुनील कुमार जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी गज़ल आपको पसन्द आई....
बहुत-बहुत आभार......
मनोज कुमार जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......
विचारों से अवगत कराने के लिए.. हार्दिक धन्यवाद.
कुश्वंश जी,
जवाब देंहटाएंमैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा....
आपके अपनत्व ने मुझे भावविभोर कर दिया है।
अत्यन्त आभारी हूं आपकी.
साहिल जी,
जवाब देंहटाएंआप जैसे सुधी गज़लकार....शायर की बहुमूल्य टिप्पणी ने मेरा उत्साह बढ़ाया है।
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
निवेदिता जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया आभारी हूं।
हार्दिक धन्यवाद!
अनुपमा जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी गज़ल आपको पसन्द आई....
बहुत-बहुत आभार......
आरती झा जी,
जवाब देंहटाएंआभारी हूं....
मेरी गज़ल पर आपके आत्मीय विचारों का स्वागत है!
हार्दिक धन्यवाद ।
यशवन्त माथुर जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......
विचारों से अवगत कराने के लिए.हार्दिक धन्यवाद.
मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आभार...
आपका हमेशा स्वागत है।
मुकेश कुमार सिन्हा जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है!
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
पी.सी.गोदियाल "परचेत" जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल पर आपके आत्मीय विचारों का स्वागत है!
हार्दिक धन्यवाद ।
संगीता स्वरुप जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया.... आभारी हूं।
हार्दिक धन्यवाद!
जगमोहन राय जी, kalaam-e-sajal
जवाब देंहटाएंआप जैसे सुधी गज़लकार की बहुमूल्य टिप्पणी ने मेरा उत्साह बढ़ाया है।
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
Fantastic poetry !
जवाब देंहटाएंCongrats Varsha ji.
bahut sundar.....bhavpoorna......kamaal ka lekhan
जवाब देंहटाएंhttp://kavyana.blogspot.com/2011/02/blog-post.html
डॉ॰ दिव्या श्रीवास्तव जी,
जवाब देंहटाएंआप जैसी विदुषी के विचार मेरे लिए बहुत महत्व रखते हैं...
आपको मेरी गज़ल पसन्द आई....आभारी हूं...
अना जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी गज़ल आपको पसन्द आई....
बहुत-बहुत आभार......
behad achchi lagi....
जवाब देंहटाएंsunder gajal..............
जवाब देंहटाएंbahut acchhi gazal likhti hain aap. aapse seekhna padega. :)
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत
जवाब देंहटाएंचाहत गुपचुप लेती है
जवाब देंहटाएंमन ही मन अंगड़ाई ...
बहुत खूब ... प्रेम की फुहार बह रही है ...
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर" जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया.... आभारी हूं।
मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद.
कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
मृदुला प्रधान जी,
जवाब देंहटाएंआभारी हूं....
मेरी गज़ल पर आपके आत्मीय विचारों का स्वागत है!
हार्दिक धन्यवाद ।
CS Devendra K Sharma ji,"Man without Brain"
जवाब देंहटाएंThank you for visiting my blog!
I felt honored by your comment.
अनामिका जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।
दिगम्बर नासवा जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
bahut hi badhiyaa Gazal hai varshaaji ,chhoti bahar kee .
जवाब देंहटाएं"varshaa ne aksar dekhi usme rab kee parchhaain "
veerubhai .
इश्क का दरिया थाह नहीं
जवाब देंहटाएंजाने कितनी गहराई
बहुत सुन्दर ग़जल
इश्क का दरिया थाह नहीं,
जवाब देंहटाएंजाने कितनी गहराई ....
बेहद सुंदर ...!
छोटे बहर की प्यारी गज़ल।
जवाब देंहटाएं..बहुत खूब।
आद. वर्षा जी,
जवाब देंहटाएंइश्क का दरिया थाह नहीं,
जाने कितनी गहराई !
बड़े ही सलीके से अपनी बात कह जाने का हुनर आपके शेरों में मिलता है !
आपकी ग़ज़लों का ज़वाब नहीं !
आभार !
आदरणीय वर्षा जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
इतनी सुन्दर अभिव्यक्ति
इश्क का दरिया थाह नहीं
जाने कितनी गहराई
बहुत सुन्दर ग़जल
वीरु भाई जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी यह गज़ल आपको पसन्द आई....बहुत-बहुत आभार......
कृपया इसी तरह संवाद बनाए रखें.
अरीबा जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
मेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
अंजू जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद...
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
अत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए..
देवेन्द्र पाण्डेय जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया आभारी हूं।
हार्दिक धन्यवाद! सम्वाद क़ायम रखें।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी,
जवाब देंहटाएंआपके आत्मीय विचारों ने मझे अनुत्तरित कर दिया है.....
मैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा,
अत्यन्त आभारी हूं आपकी.
कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
सुनील गज्जाणी जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
मेरे ब्लाग पर आ कर ,मुझ जैसे नाचीज को अपने ब्लाग पर न्योता देने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंयहाँ आ कर जो पड़ने को मिला उस पर मैं टिप्पणी के काबिल नही !
पर मेरे एहसासों ने उन्हें अपने पुरे एहसासों से मेहसूस किया है !बस...
बहुत खुश और सेहतमंद रहें!
शुभकामनाएँ !
अशोक सलूजा !
अशोक सलूजा जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरी यह गज़ल आपको पसन्द आई. आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है! मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने और अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक आभार!
रामनवमी की हार्दिक शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंएक शानदार रचना। हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएं............
ब्लॉगिंग को प्रोत्साहन चाहिए?
इश्क का दरिया थाह नहीं
जवाब देंहटाएंजाने कितनी गहराई
मैं तो पहली बार आपके ब्लॉग पर हूं जाने कैसे नहीं आ सकी....
बेमिसाल ....बहुत खूब लिखा है....
आप भी जरूर आइए..फॉलो भी कर रही हूं...
कुंवर कुसुमेश जी,
जवाब देंहटाएंआपका आना सुखद लगा ...... हार्दिक धन्यवाद !
आपको भी रामनवमी की हार्दिक शुभकामनायें.
जाकिर अली रजनीश जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी....विचारों से अवगत कराने के लिए. हार्दिक धन्यवाद.
वीना जी,
जवाब देंहटाएंमैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा, आपके अपनत्व ने मुझे भावविभोर कर दिया है।
मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आभार... आपका स्वागत है।
इश्क का दरिया थाह नही
जवाब देंहटाएंजाने कितनी गहराई
खूबसूरत गज़ल ......
वाह जी वाकई बहुत सुंदर..
जवाब देंहटाएंइश्क का दरिया थाह नही
जाने कितनी गहराई....
अनीता सिंह जी,anu
जवाब देंहटाएंयह जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया.... मेरे गीत को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....
महेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंकृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
मेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
श्रीमान जी,क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
जवाब देंहटाएंरमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आने के लिए हार्दिक आभार...
कभी मेरी गजल पर भी कोई टिप्पणी करने का कष्ट करें.
रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद।
उम्दा गज़ल बधाई वर्षा जी।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर लिख हा है दिल को छु लिया आपकी इस रचना ने...
जवाब देंहटाएंहमारे ब्लॉग पर आ कर अपने विचार व्यक्त करने क लिए बहुत बहुत धन्यवाद....
हमने आपको फोल्लो कर लिया है.....
नेहा त्रिवेदी जी,(नश्तरे एहसास)
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
अत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए.