"Apne Hone kaa ehsaas dilaa deten hain , jab gazal koi zamaane ko sunaa deten hain "- varshaaji !Gazal "ashik "aur "maashook "kaa paraspar samvaad hai .soofi kavi ,bhagvaan ko hi apni ,"bahuriyaa "maante aayen hain . aapkee gazal nirantar kuchh dhoondhti si lage hai ."RET SI ZINDAGEE ,TUM ,NADI SEE, BAHO !" ek aur, prayog -CHAAH AB HAI KI TUM MERI DAULAT BANO ! anaayaas hi ye panktiyaan zehan me ubhri -"jaane kya dhoondhti rahti hain ye ! aankhen ,mujhme ,raakh ke dher me sholaa hai na chingaari hai ?" khoobsoorat andaaze byaan aapkaa barkaraar rahe -MUBAARAK! veerubhai .
आदरणीय वर्षा जी नमस्कार ! कोमल भावों की शानदार कविता ने मन मोह लिया. बहुत सुन्दर कविता..........दिल को आनन्दित करती हुई पंक्तियाँ! आप से अच्छा लिखने की प्रेरणा मिलती है बहुत सुंदर
बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल है वर्षा जी. one of your best.
एक ग़ज़ल याद आ गयी ,यूं ही.
आज जाने की जिद न करो यूँही पहलु में बेठे रहो
हाय मर जाएँ गे हम तो लुट जाएँ गे ऐसी बातें किया न करो तुम्ही सोचो ज़रा क्यों न रोकें तुम्हे जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम तुम को अपनी क़सम जाने जां बात इतनी मेरी मान लो
कुंवर कुसुमेश जी, आप स्वयं एक समर्थ ग़ज़लकार हैं अतः आपकी टिप्पणी मेरे लिए विशेष महत्व रखती है...आभारी हूं आपकी टिप्पणी के लिए। इसी तरह संवाद बनाए रखें....
देवेंद्र गौतम जी, आप जैसे समर्थ ग़ज़लकार की टिप्पणी मेरे लिए विशेष महत्व रखती है...आभारी हूं आपकी टिप्पणी के लिए। कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
विरेन्द्र सिंह चौहान जी, यह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरी ग़ज़ल पसन्द आयी। आपको बहुत बहुत धन्यवाद ! कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
"kab se padhte rahen hain puraani gazal aaj fir se nai ek gazal fir kaho "-veerubhai . vaise Md gazal padhi jaati hai ,kahin nahin jaati .... veerubhai .
"अब तुम मेरी दौलत बनो " जीवन में इसी की तो कमी रहती है ....अगर सच में कोई हमसे इसी तरह प्यार करता है तो जीवन के मायने ही बदल जायेंगे .....आपका आभार इस सार्थक ग़ज़ल के लिए ...!
aadarniy varshh ji sabne to sab kuchh kah diya ab mere liye kuchh bacha hi nahi fir bhi kuchh to likhungi hi kahan se dhundh kar lati hain ye gazlo ka khajaana jo bhi padhta ikbar me hiban jaaye vo aapki gazlo ka diwana bahut bahut hardik badhai poonam
मेरे ब्लॉग पर नियमित रूप से आने के लिए और हौसला अफजाही के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! आपकी टिपण्णी मिलने पर मेरे लिखने का उत्साह दुगना हो गया! बहुत ख़ूबसूरत और लाजवाब ग़ज़ल लिखा है आपने ! उम्दा प्रस्तुती!
उर्मि चक्रवर्ती जी, आपका लेखन है ही प्रशंसनीय.... आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद ! मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका आभार...मेरे ब्लॉगस पर आपका हमेशा स्वागत है!
वर्षा जी आपने मेरी रचना को पसंद किया ,इसके लिए हार्दिक धन्यवाद. आपका उत्साहवर्धन मुझे नई स्फूर्ति देता रहेगा .आपकी रचनाएँ उच्च स्तर की हैं .बहुत दिनों से नई रचना का इन्तिज़ार है.हमारे पारिवारिक ब्लाग में आते जाते रहिएगा.अब तो आप परिवार की सदस्य ही लगती हैं.आपका हमेशा स्वागत है.
अनन्या ब्लॉग तक पहुँचने ,और बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया ....ये प्रोत्साहन आगे भी मिलता रहेगा ,धन्यवाद ' कोई हलचल नहीं इस बियांबान में रेत सी जिंदगी तुम नदी सी बहो ...... बहुत ही बेहतरीन है आपकी शायरी,और हर चेहरे पर एक जैसी बिंदी एक विशेष ओज लिए ,मुझे बहुत अच्छी लगी...
koi halchal nahi is biyanbaan mein, ret si zindagi tum nadi si baho"{waah varsha ji bahut acchi lagi.vese to hum itne chote hain ki itne bade blogerrs k liye hum kuch kahe galat hoga,lekin aapki is rachna k liye yehi kahungi ki-dil se likhi hui rachna dil tak pahunchi!!
बहुत उम्दा ग़ज़ल ....आखिरी पंक्तिया खूब कहीं...
जवाब देंहटाएंडॉ॰ मोनिका शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।
बहुत खूब .........खूबसूरत ग़ज़ल!
जवाब देंहटाएं"Apne Hone kaa ehsaas dilaa deten hain ,
जवाब देंहटाएंjab gazal koi zamaane ko sunaa deten hain "-
varshaaji !Gazal "ashik "aur "maashook "kaa paraspar samvaad hai .soofi kavi ,bhagvaan ko hi apni ,"bahuriyaa "maante aayen hain .
aapkee gazal nirantar kuchh dhoondhti si lage hai ."RET SI ZINDAGEE ,TUM ,NADI SEE, BAHO !"
ek aur, prayog -CHAAH AB HAI KI TUM MERI DAULAT BANO !
anaayaas hi ye panktiyaan zehan me ubhri -"jaane kya dhoondhti rahti hain ye ! aankhen ,mujhme ,raakh ke dher me sholaa hai na chingaari hai ?"
khoobsoorat andaaze byaan aapkaa barkaraar rahe -MUBAARAK!
veerubhai .
आदरणीय वर्षा जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
कोमल भावों की शानदार कविता ने मन मोह लिया.
बहुत सुन्दर कविता..........दिल को आनन्दित करती हुई पंक्तियाँ!
आप से अच्छा लिखने की प्रेरणा मिलती है बहुत सुंदर
आदरणीय वर्षाजी नमस्कार !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब , बहुत उम्दा ग़ज़ल
बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल है वर्षा जी.
जवाब देंहटाएंone of your best.
एक ग़ज़ल याद आ गयी ,यूं ही.
आज जाने की जिद न करो
यूँही पहलु में बेठे रहो
हाय मर जाएँ गे हम तो लुट जाएँ गे
ऐसी बातें किया न करो
तुम्ही सोचो ज़रा क्यों न रोकें तुम्हे
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम
तुम को अपनी क़सम जाने जां
बात इतनी मेरी मान लो
आज जाने की जिद न करो
सलाम.
'साहिल'जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी ग़ज़ल को सराहा...आभारी हूं.
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंजानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरी ग़ज़ल पसन्द आई....
इस उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।
संजय भास्कर जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी इस गज़ल को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
आपको अनेक धन्यवाद .
संजय कुमार चौरसिया जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद!
आभारी हूं मेरी इस गज़ल पर अपने विचारों से अवगत कराने के लिए।
विशाल जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
ग़ज़ल बहुत बढ़िया . तख़ल्लुस का अर्थपूर्ण इस्तेमाल आपकी ग़ज़लों की विशेषता होती है.वाह वर्षा जी.
जवाब देंहटाएंकुंवर कुसुमेश जी,
जवाब देंहटाएंआप स्वयं एक समर्थ ग़ज़लकार हैं अतः आपकी टिप्पणी मेरे लिए विशेष महत्व रखती है...आभारी हूं आपकी टिप्पणी के लिए।
इसी तरह संवाद बनाए रखें....
संवेदनाओं से परिपूर्ण एक उम्दा ग़ज़ल. आभार.
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण् ग़ज़ल!
जवाब देंहटाएंकोई हलचल नहीं इस बियाबान में
जवाब देंहटाएंरेत सी जिंदगी तुम नदी सी बहो.......वाह!...... बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है...बधाई!
----देवेंद्र गौतम
बहुत ही खुबसूरत गज़ल, दाद का मोहताज नहीं पर दिल ने कहा बहुत खूब .
जवाब देंहटाएंआपने बेहद उम्दा ग़ज़ल लिखी है. इसीलिए बहुत पसंद आई.
जवाब देंहटाएंइसके लिए आपको बधाई .
बेहतरीन पंक्तियाँ, आपके ब्लॉग पर साहित्यिक भूख और जागृत हो जाती है, बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंअच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....
जवाब देंहटाएंदिल से निकली ग़ज़ल मन को भा गई।
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी गजल कही है आपने। बधाई।
जवाब देंहटाएं---------
भगवान के अवतारों से बचिए!
क्या सचिन को भारत रत्न मिलना चाहिए?
स्वराज्य करुण जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी इस गज़ल को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
आपको अनेक धन्यवाद .
अनुराग शर्मा जी,Smart Indian - स्मार्ट इंडियन
जवाब देंहटाएंआपने मेरी ग़ज़ल को सराहा...आभारी हूं.
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
देवेंद्र गौतम जी,
जवाब देंहटाएंआप जैसे समर्थ ग़ज़लकार की टिप्पणी मेरे लिए विशेष महत्व रखती है...आभारी हूं आपकी टिप्पणी के लिए।
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
सुनील कुमार जी,
जवाब देंहटाएंआपने तो मुझे निरुत्तरित ही कर दिया......
इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
विरेन्द्र सिंह चौहान जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरी ग़ज़ल पसन्द आयी। आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
कुश्वंश जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
सारा सच जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
मेरे ब्लॉग पर आपके विचारों का हमेशा स्वागत है।
मनोज कुमार जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी ग़ज़ल को सराहा...आभारी हूं.
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए. हार्दिक धन्यवाद.
मेरे ब्लॉग पर सदैव आपका स्वागत है।
वर्षाजी नमस्ते गज़ल का हर शेर लाजवाब है |बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं |
जवाब देंहटाएंडाक्टर साहिबा,
जवाब देंहटाएंनमस्कार...!!!
मेरे एहसासों ने जो मेहसूस किया ,
उसको दिल मेरे ने महफूज किया || अशोक"अकेला"
स्वस्थ रहें ! शुभकामनाएँ !
अशोक सलूजा !
जयकृष्ण राय तुषार जी,
जवाब देंहटाएंआप जैसे कवि मनीषी के विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं....अपने विचारों से अवगत कराने के लिये आपका हार्दिक आभार एवं धन्यवाद।
अशोक सलूजा जी,
जवाब देंहटाएंजानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरी ग़ज़ल पसन्द आई.... मेरी ग़ज़ल को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....एवं हार्दिक शुभकामनाएँ !
वर्षाजी....
जवाब देंहटाएंएक से एक खूबसूरत ग़ज़लें...
वैसे ही खूबसूरत एहसास...!
शुक्रिया न कहूं तो क्या कहूं !!
bahut badhiyaa gajal ,ant bahut hi laazwaab hai .
जवाब देंहटाएंभाव पूर्ण और दिल के करीब लगी ये ग़ज़ल रुपी वर्षा . एकदम तरन्नुम में .
जवाब देंहटाएंपूनम जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी ग़ज़ल को सराहा...आभारी हूं.
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।
ज्योति सिंह जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
आभारी हूं.
आशीष जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए. हार्दिक धन्यवाद.
अनुपम
जवाब देंहटाएं"kab se padhte rahen hain puraani gazal aaj fir se nai ek gazal fir kaho "-veerubhai .
जवाब देंहटाएंvaise Md gazal padhi jaati hai ,kahin nahin jaati ....
veerubhai .
वाह! क्या लिखा है, कभी हमारी दुनिया में भी झांककर देखिये.
जवाब देंहटाएंगिरीश मुकुल जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएं‘‘vaise Md gazal padhi jaati hai ,kahin nahin jaati ....’’
जी नहीं, ग़ज़ल कही जाती है और कविता पढ़ी जाती है।
कैलाश मोहनकार जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
कोई हलचल नहीं इस बियाबान में
जवाब देंहटाएंरेत सी जिंदगी तुम नदी सी बहो.
khoobsoorat ghazal ka haasile ghazal sher
Vah ...Really nice "Gazal". Congrayts.
जवाब देंहटाएंकाफी गेयता है इन पंक्ितयों में।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .. . ये सफ़र अब अकेले न कट पाएगा ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब लगा ये शेर ...
प्रेमरस भरी प्यारी ग़ज़ल.....हर शेर बेहतरीन
जवाब देंहटाएंइस्मत ज़ैदी जी,
जवाब देंहटाएंआप जैसी शायरा के विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं....अपने विचारों से अवगत कराने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
Rajeev Panchhi ji,
जवाब देंहटाएंThank you for visiting my blog!
I feel honored by your comment.
राजे शा जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
मेरे ब्लॉग पर आपके विचारों का हमेशा स्वागत है।
दिगम्बर नासवा जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी ग़ज़ल को सराहा...आभारी हूं.
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
सुरेन्द्र सिंह " झंझट "जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
सारा सच,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए. हार्दिक धन्यवाद.
wow!..It's a beautiful creation . So appealing and mesmerizing.
जवाब देंहटाएंDr. divya ji,
जवाब देंहटाएंThank you for visiting my blog!
Thanks for your comments.Hope you will be give me your valuable response on my future posts.
बहुत सुन्दर. बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंअबनीश सिंह चौहान जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
roomaniyat se bhar dene wali umda gazal par badhayi.
जवाब देंहटाएंअनामिका जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए.. हार्दिक धन्यवाद.
आशुतोष जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आभार...
आपके विचारों का मेरे ब्लॉग्स पर सदा स्वागत है।
आदरणीय वर्षा जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
सच है क्या जिंदगी का किसी को पता नहीं.......संजय भास्कर
नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
जिनके पास दिल होता है, उन्हें ऐसी जरूरत महसूस होती है
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
मिलिए हमारी गली के गधे से
Varsha ji , You really write wonderful ghazals.
जवाब देंहटाएंसंजय भास्कर जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
मेरे ब्लॉग पर आपके विचारों का हमेशा स्वागत है।
एम सिंह जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
Dr. Divya ji, ZEAL
जवाब देंहटाएंIt's pleasure to me .
I feel honored by your comment.
"अब तुम मेरी दौलत बनो " जीवन में इसी की तो कमी रहती है ....अगर सच में कोई हमसे इसी तरह प्यार करता है तो जीवन के मायने ही बदल जायेंगे .....आपका आभार इस सार्थक ग़ज़ल के लिए ...!
जवाब देंहटाएंचाह दौलत की मुझको कभी भी न थी...वाह वाह...वाह...बेमिसाल रचना...बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंनीरज
केवल राम जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी गज़ल आपको पसन्द आई....
बहुत-बहुत आभार.
नीरज गोस्वामी जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
आप जैसे मनीषी साहित्यकारों की बहुमूल्य टिप्पणी ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.
बहुत खूब....!
जवाब देंहटाएंमुक़र्रर...... मुक़र्रर
गज़ब का फ्लो है गज़ल में .सुन्दर शब्द और सकारात्मक भाव .
जवाब देंहटाएंकुल मिलकर कम्प्लीट पैकेज गज़ल का....
बहुत सुन्दर शब्द रचना | धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंप्रदीप जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद !
आपकी इस मुक़र्रर पर पेश है मेरा एक शेर....
आपने कह दिया जो मुक़र्रर,
रोशनी मिल गई है गज़ल को।
मदन शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरी गज़ल पसन्द आयी। आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
Patali-The-Village,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया आभारी हूं।
हार्दिक धन्यवाद!
behtreeen gazal......kya khoob sher nikale hai...sadhuwaad.
जवाब देंहटाएंजी आपकी गजल का वाकई कोई जवाब नहीं।
जवाब देंहटाएंक्या बात कही है वर्षा जी !ये दौलत मिल जाये तो और क्या चाहिये ..बहुत खूब ......
जवाब देंहटाएंयोगेन्द्र मौदगिल जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
महेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
मेरे ब्लॉग पर आपके विचारों का हमेशा स्वागत है।
निवेदिता जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......
विचारों से अवगत कराने के लिए.. हार्दिक धन्यवाद.
aadarniy varshh ji
जवाब देंहटाएंsabne to sab kuchh kah diya ab mere liye kuchh bacha hi nahi
fir bhi kuchh to likhungi hi
kahan se dhundh kar lati hain ye gazlo ka khajaana
jo bhi padhta ikbar me hiban jaaye vo aapki gazlo ka diwana
bahut bahut hardik
badhai
poonam
पूनम जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
मेरे ब्लॉग पर आपका सदैव स्वागत है
मेडम !आपकी ग़ज़ल का कबसे इंतज़ार है .इधर आपकी ग़ज़ल "धूप -आया -नदी औरत "का "री -मिक्स प्रस्तुत किया है .कृपया पढ़ें .
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर नियमित रूप से आने के लिए और हौसला अफजाही के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! आपकी टिपण्णी मिलने पर मेरे लिखने का उत्साह दुगना हो गया!
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत और लाजवाब ग़ज़ल लिखा है आपने ! उम्दा प्रस्तुती!
वीरू भाई जी,
जवाब देंहटाएंधैर्य का फल हमेशा मीठा होता है...SO PLEASE WAIT !
Hearty Thanks for your comment...
You are always welcome in my blog.
उर्मि चक्रवर्ती जी,
जवाब देंहटाएंआपका लेखन है ही प्रशंसनीय....
आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका आभार...मेरे ब्लॉगस पर आपका हमेशा स्वागत है!
VENUS,
जवाब देंहटाएंI'm thankful to you.
Hope you will be give me your valuable comment on my posts.
बहुत सुन्दर गज़ल..हरेक शेर बहुत उम्दा और मन को छू जाता है..
जवाब देंहटाएंकैलाश सी. शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
bahut sundar prastuti .badhai Varsha ji sundar lekhan hetu .
जवाब देंहटाएंhar line khoobsurat hai....wah.
जवाब देंहटाएंकैलाश सी. शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरी गज़ल आपको पसन्द आई....
बहुत-बहुत आभार.
मृदुला प्रधान जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
मेरे ब्लॉग पर आपके विचारों का हमेशा स्वागत है।
बहुत खूबसूरत .....
जवाब देंहटाएंवर्षा जी
जवाब देंहटाएंआपने मेरी रचना को पसंद किया ,इसके लिए हार्दिक धन्यवाद. आपका उत्साहवर्धन मुझे नई स्फूर्ति देता रहेगा .आपकी रचनाएँ उच्च स्तर की हैं .बहुत दिनों से नई रचना का इन्तिज़ार है.हमारे पारिवारिक ब्लाग में आते जाते रहिएगा.अब तो आप परिवार की सदस्य ही लगती हैं.आपका हमेशा स्वागत है.
अनन्या ब्लॉग तक पहुँचने ,और बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया ....ये प्रोत्साहन आगे भी मिलता रहेगा ,धन्यवाद
जवाब देंहटाएं' कोई हलचल नहीं इस बियांबान में
रेत सी जिंदगी तुम नदी सी बहो ......
बहुत ही बेहतरीन है आपकी शायरी,और हर चेहरे पर एक जैसी बिंदी एक विशेष ओज लिए ,मुझे बहुत अच्छी लगी...
Sapna Nigam ji,
जवाब देंहटाएंYou are always welcome in my blog.
I am very glad to see your comment on my ghazal.
Hearty thanks.
अंजू जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
वीना जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
koi halchal nahi is biyanbaan mein,
जवाब देंहटाएंret si zindagi tum nadi si baho"{waah varsha ji bahut acchi lagi.vese to hum itne chote hain ki itne bade blogerrs k liye hum kuch kahe galat hoga,lekin aapki is rachna k liye yehi kahungi ki-dil se likhi hui rachna dil tak pahunchi!!
नश्तरे एहसास जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
आँखे मेरी सपने उनके
जवाब देंहटाएंअपनी हुयी परे रात
वह बेहतरीन शेर , बहुत ही प्यारी ग़ज़ल रेशमी अह्शासों को बखूबी उकेरा है वर्षा जी बधाई
कुश्वंश जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
varsha ji pahali baar aapki gazalen padhi acchi hain koi halchal nahi.....nadi si baho ye line bahut acchi hai
जवाब देंहटाएंDr. madhu pradhan
kanpur
Bahut hi badhiya
जवाब देंहटाएंmere blog www.utkarsh-meyar.blogspot.in par aapka swagat hai.