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http://youtu.be/EkK4JiEfHus
हुसैन बंधुओं द्वारा मेरी इस ग़ज़ल को गाया गया है-
इक न इक दिन फ़ैसला होगा ज़रूर।
वक्त ने उसको छला होगा ज़रूर।
पांव में छाले यूं ही होते नहीं
कुछ क़दम तो वो चला होगा ज़रूर।
बेवज़ह तनहाइयां भाती नहीं
इश्क़ का ये मामला होगा ज़रूर।
ताकि ‘वर्षा’ हो सके कल फिर सुबह
इसलिए सूरज ढला होगा ज़रूर।
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Buffering prevented listening and you did not even write the 'GAZAL'.Pl write .
जवाब देंहटाएंऔरों से तो झूठ कहोगे, ख़ुद को क्या समझाओगे।
जवाब देंहटाएंतनहाई में जब तुम ख़ुद से, अपनी बात चलाओगे।
बधाई !फिल्मों में आपकी रचनाएं श्रृंगारिक ग़ज़ल -गीत गाये जाएँ ऐसी दुआ है ,प्रत्याशा भी है .पुनश्चय बधाई .
दूर एक दरिया बुलाता है ,मुझे ,
जवाब देंहटाएंऔर मुझसे ही मिलाता है ,मुझे .
वाह क्या बात है .'खुद से खुद की मुलाकत हुई ,दिन बीता और रात हुई ',नहीं आये वो क्या बात हुई ?
बहुत प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंआपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 19-03-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ
बहुत सुंदर...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर। बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंपांव में छाले यूं ही होते नहीं
जवाब देंहटाएंकुछ क़दम तो वो चला होगा ज़रूर।
बेहतरीन! लाजवाब!!
वाह बहुत खूब .... बधाई
जवाब देंहटाएं’बेवज़ह तनहाइयां भाती नहीं
हटाएंइश्क का ये मामला होगा ज़रू”
ऐसा ही होता है,कि—
’एक शौक,हमने भी पाला था,दोस्तो
ये शौक ना हुआ,गोया,बन गई जान पर’
वाह जी सुंदर बफ़्फरिंग की समस्या है हो सकता हो मेरा कनेक्श्न स्लो है या कुछ और
जवाब देंहटाएंपांव में छाले यूं ही होते नहीं
जवाब देंहटाएंकुछ क़दम तो वो चला होगा ज़रूर।
वाह!बहुत खूब .... बधाई
बहुत सुंदर। बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अश'आर ,बेहतरीन गुलूकार पर रिकॉर्डिंग ....काश!
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई ! भविष्य के लिए ...
शुभकामनाएँ!
वाह ...बहुत खूब ... बधाई सहित शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंवाह:बहुत सुंदर। बहुत बधाई।..
जवाब देंहटाएंbehad khushi hui ye jaankar ke aapki is behtarin ghazal ko itne naami singers ne gaya...kotisah badhayee aaur sadar pranam ke sath
जवाब देंहटाएंgajal ki mai divani ho gayi
जवाब देंहटाएंबेवज़ह तनहाइयां भाती नहीं
जवाब देंहटाएंइश्क़ का ये मामला होगा ज़रूर।
बहुत खूबसूरत अंदाज़ है आपका बात कहने का । बेहतरीन गज़ल के लिए बधाई।
वाह...वाह...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
ढेरों बधाइयाँ..
फख्र की बात है .....आपको बहुत बहुत बधाई वर्षा जी
जवाब देंहटाएंपांव में छाले यूं ही होते नहीं
जवाब देंहटाएंकुछ क़दम तो वो चला होगा ज़रूर।
बेहतरीन ग़ज़ल है .भाव और संगीत विरेचन पैदा करतें हैं .
बहुत सुंदर......
जवाब देंहटाएंmy resent post
काव्यान्जलि ...: अभिनन्दन पत्र............ ५० वीं पोस्ट.
बहुत खुशी हुई यह जानकर कि आपकी ग़ज़ल हुसैन बंधुओं द्वारा गाई गई है।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी ग़ज़ल है।
बधाई आपको।