मंगलवार, मई 15, 2018

कहन में मैं यानी डॉ. वर्षा सिंह

प्रिय मित्रों,
      दमोह, म.प्र. से एक साहित्यिक पत्रिका प्रकाशित हुआ करती थी - "कहन"
... प्रगतिशील लोक चेतना को समर्पित अनियतकालिक/ अव्यावसायिक इस पत्रिका का सम्पादन सम्पादक द्वय मनीष दुबे और दयाशंकर सुबोध के ज़िम्मे था। परामर्श मंडल में डॉ. कमला प्रसाद, डॉ. श्यामसुंदर दुबे, कुमार अंबुज आदि शामिल थे। मेरी अनेक रचनाएं इसमें प्रकाशित हुई थीं। एक लम्बा अरसा हो गया इस पत्रिका के ताज़ा अंक से रू-ब-रू हुए ... मुझे ज्ञात नहीं कि यह पत्रिका अब प्रकाशित हो रही है अथवा नहीं... । इस पत्रिका का वर्ष 1995 में प्रकाशित एक अंक आज अचानक ही मुझे अपनी किताबों के बीच उपलब्ध हो गया जिसके पृष्ठ 15 पर मेरी एक ग़ज़ल प्रकाशित हुई थी।

2 टिप्‍पणियां:

  1. निमंत्रण

    विशेष : 'सोमवार' २१ मई २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक के लेखक परिचय श्रृंखला में आपका परिचय आदरणीय गोपेश मोहन जैसवाल जी से करवाने जा रहा है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/



    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।

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  2. हार्दिक आभार

    आप बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहे हैं, साधुवाद !

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