रविवार, अप्रैल 21, 2019

ग़ज़ल... जब प्यार दिलों में रोशन हो - डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh

       मेरीे ग़ज़ल को web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 21 अप्रैल 2019 में स्थान मिला है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏

मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में मेरी ग़ज़ल इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...

http://yuvapravartak.com/?p=13799

जब प्यार दिलों में रोशन हो....

इक ख़्वाब की दस्तक ऐसी है , दिल के दरवाज़े खुलते हैं।
आईना अगर मैं  देखूं  तो, मुझे अक़्स तुम्हारे मिलते हैं।

तुम्हें याद करूं तो आती है, पतझर में बहारों की आहट,
चाहत के शजर की शाखों पर, कुछ फूल गुलाबी खिलते हैं।

जब इश्क़ का जादू चलता है, ग़ज़लें भी क़यामत ढाती हैं,
लम्हात ख़ुशी वाले अक्सर, शहदीले सुरों में ढलते हैं।

बेख़ौफ़ परिन्दे उड़ते हैं, मौसम भी हसीं हो जाता है,
जब प्यार दिलों में रोशन हो, तब दीप नये कुछ जलते हैं।

बजती है कन्हैया की बंशी, राधा की उमंग बढ़ जाती है,
"वर्षा" की फुहारों में ढल कर, अरमान ख़ुशी के पलते हैं।
                 -डॉ. वर्षा सिंह

http://yuvapravartak.com/?p=13799

4 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 21/04/2019 की बुलेटिन, " जोकर, मुखौटा और लोग - ब्लॉग बुलेटिन“ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. उत्तर
    1. बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद अनिता जी 🙏

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    2. बहुत बहुत धन्यवाद अनिता जी 🙏

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