मंगलवार, अक्तूबर 08, 2019

ग़ज़ल .... दशहरा का दिन - डॉ. वर्षा सिंह

Happy Dussehra

            🚩🏵 🔴  शुभ दशहरा 🔴🏵 🚩
*विजयादशमी पर विशेष*
*ग़ज़ल*

*दशहरा का दिन*

                 - डॉ. वर्षा सिंह

यूं सत्य की असत्य पर विजय सदा बनी रहे।
दशहरा का दिन सभी से आज बस यही कहे।

बुराइयों का अंत हो, स्वच्छ सारा तंत्र हो
एक व्यक्ति भी यहां दमन कतई नहीं सहे।

सभी में राम रह रहे, यही तो जानना है,बस
जला दे रावणों को जो, अग्निधार वह बहे।

न हो सिया का अपहरण, न हों शिला में स्त्रियां
हरेक बेटी अब यहां भुजाओं में गगन गहे।

रहे न भ्रष्ट आचरण, रहे यूं सदविचार ही
'वर्षा' प्रार्थना का ये,   दीप इक सदा दहे।

               ------------

             🚩🏵 🔴  शुभ दशहरा 🔴🏵 🚩

       मेरी इस ग़ज़ल को web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 08 अक्टूबर 2019 में स्थान मिला है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में इसे इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
http://yuvapravartak.com/?p=19882


12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत लाजवाब ... उम्दा शेर हैं विजयदशमी के उपलक्ष्य में ...
    विजयदशमी की बहुत शुभकामनायें ...

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    उत्तर
    1. दिगंबर नासवा जी,
      बहुत-बहुत आभार आपका 🙏

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  2. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना 9 अक्टूबर 2019 के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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  3. आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी,
    आपने मेरी रचना को चर्चा मंच के योग्य समझा...। यह मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है।
    हार्दिक आभार 🙏

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  4. यशोदा जी,
    मैं अत्यंत आभारी हूं आपकी 🙏

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  5. प्रेरक रचना हेतु बधाई । विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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    उत्तर
    1. पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा जी, बहुत-बहुत धन्यवाद !

      विजयादशमी पर आपको भी सपरिवार शुभकामनाएं !!!

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  6. बहुत सुंदर और प्ररेणा देता सृजन।

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  7. हार्दिक आभार सुशील कुमार जोशी जी !

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