मेरी ग़ज़ल को web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 02 जुलाई 2019 में स्थान मिला है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में इसे इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
http://yuvapravartak.com/?p=16382
प्यार का पहला पन्ना
- डॉ. वर्षा सिंह
यूं तो इंसां जाने कितने महाग्रंथ पढ़ जाता है।
प्यार का पहला पन्ना लेकिन, भूल न कोई पाता है।
बेहद मुश्किल सा सवाल ये, उत्तर कौन बतायेगा !
अनजाना-सा चेहरा कोई आखिर क्यों मन भाता है।
जिसकी आहट तक ने नाता तोड़ लिया दरवाज़े से,
अकसर हर इक सपना अपने साथ उसी को लाता है।
दीवाना कहता है कोई, कोई मजनूं कहता है,
बिना बहर की ग़ज़ल अटपटी मन ही मन जो गाता है।
कभी कभी इक लम्हा जैसे सदियों में ढल जाता है,
प्यार का ढाई आखर "वर्षा" बार-बार दोहराता है।
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#ग़ज़लवर्षा
प्यार का पहला पन्ना - डॉ. वर्षा सिंह # ग़ज़ल यात्रा |
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