साहित्य सारी दुनिया से जोड़ने की ताकत रखता है- डॉ मधुर नज़्मी
साक्षात्कारकर्ता- डॉ वर्षा सिंह
देश के प्रख्यात शायर मधुर नज़्मी जी का मोहम्मदाबाद गोहना, मऊ (उ.प्र.) से मेरे शहर सागर आगमन हुआ। इस दौरान मैंने उन्हें अपने ग़ज़ल संग्रह "दिल बंजारा" की प्रति भेंट की तथा मैंने और मेरी बहन डॉ शरद सिंह ने उनसे साहित्यिक चर्चाएं कीं। उसी तारतम्य में मैंने उनका एक अनौपचारिक साक्षात्कार लिया जिसका मुख्य अंश यहां प्रस्तुत है -
डॉ. वर्षा सिंह - आप इतने बड़े ग़ज़लगो हैं, आप ग़ज़ल के वर्तमान परिदृश्य को कैसा पाते हैं?
डॉ. मधुर नज़्मी- ग़ज़ल का वर्तमान परिदृश्य चिन्ताजनक है क्योंकि सोशल मीडिया पर कथित शायरों की बाढ़ आ जाने से ग़ज़ल की गम्भीरता नष्ट हो रही है। आप लोगों जैसे शायरों की ग़ज़ल के प्रति प्रतिबद्धता यह भरोसा दिलाती है कि इस विधा को गम्भीरता से लेने वाले लोग अभी शेष हैं और ग़ज़ल की श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए कृतसंकल्प हैं।
डॉ. वर्षा सिंह - अक्सर यह सुनने में आता है कि साहित्य के प्रति अब लोगों मैं पहले जैसी रुचि नहीं रही। खुले मंच चुटकुलेबाजी का अड्डा बनते जा रहे हैं, आपका इस बारे में क्या कहना है?
डॉ. मधुर नज़्मी- आपका कहना सच है कि मंचों का स्तर अब पहले जैसा नहीं रहा। लेकिन मैं निराश नहीं हूं। साहित्य में बहुत ताकत होती है यदि ईमानदारी से अपनाया जाए तो साहित्य सारी दुनिया से जोड़ने की ताकत रखता है। मैं मुफ़लिसी में पैदा हुआ लेकिन मेरी शायरी ने दस देशों में जा कर मुशायरे पढ़ने का मौका दिया।
डॉ. वर्षा सिंह - उर्दू ग़ज़ल और हिन्दी ग़ज़ल, इन दो भाषाई नामों पर भी अक्सर बहसें होती रहती हैं। क्या आप इस बंटवारे को उचित मानते हैं?
डॉ. मधुर नज़्मी- मैं ग़ज़ल विधा के संदर्भ में भाषाई विवाद को तरज़ीह नहीं देता हूं। ग़ज़ल तो वह है जो दिल से कही जाए और सुनने वाले के दिल को छू जाए।
डॉ. वर्षा सिंह - सागर आ कर आपको कैसा महसूस हो रहा है?
डॉ. मधुर नज़्मी- जी, सागर आ कर मुझे बहुत अच्छा लगा। सागर को मैं त्रिलोचन शास्त्री जी के सागर प्रवास के कारण जानता था, फिर आपके नाम से इसे जाना। यहां के लोग बहुत मिलनसार हैं।
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देश के प्रख्यात शायर मधुर नज़्मी जी से मेरे द्वारा लिया गया अनौपचारिक साक्षात्कार वेब मैगजीन "युवाप्रवर्तक" में आज दिनांक 13.01.2020 को प्रकाशित हुआ है। कृपया आप भी पढ़ें...
http://yuvapravartak.com/?p=24389
हार्दिक आभार "युवाप्रवर्तक" 🙏
http://yuvapravartak.com/?p=24389 |
साथ ही तीनबत्ती न्यूज़.कॉम ने तीनबत्ती न्यूज़.कॉम में इसे प्रकाशित किया है....
साहित्य सारी दुनिया से जोड़ने की ताकत रखता है- डॉ #मधुर #नज़्मी
#साक्षात्कार/डॉ #वर्षासिंह
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (15-01-2020) को "मैं भारत हूँ" (चर्चा अंक - 3581) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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मकर संक्रान्ति की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बहुत आभार डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी 🙏
हटाएंबहुत ही सार्थक साक्षात्कार
जवाब देंहटाएंबधाई
धन्यवाद दिल से 🙏
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