Dr. Varsha Singh |
प्रिय मित्रों,
मेरी ग़ज़ल को web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 04 मार्च 2019 में स्थान मिला है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
सुबह का ये मंज़र तो देखो ज़रा।
चमन सारा लगने लगा सुनहरा।
भैरवी की नयी गूंजती रागिनी
गीत गाता गगन है ख़ुशी से भरा।
रोशनी ने लिखे ख़त, उजाला हुआ
ढूंढता है अंधेरा नया आसरा ।
पंखुरी- पंखुरी ख़ुशबुएं भर गयीं
ख़ार समझे नहीं इश्क़ का माज़रा।
इक नयी आस "वर्षा" जगी आज फिर
आज पढ़ने लगा दिल नया ककहरा।
- डॉ. वर्षा सिंह
कृपया पत्रिका में मेरी ग़ज़ल पढ़ने हेतु निम्नलिखित Link पर जायें....
http://yuvapravartak.com/?p=11187
http://yuvapravartak.com/?p=11187 |
आपकी लिखी रचना आज ," पाँच लिंकों का आनंद में " बुधवार 5 मार्च 2019 को साझा की गई है..
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in/
पर आप भी आइएगा..धन्यवाद।
हार्दिक आभार आपका 🙏
हटाएंलाजवाब गजल...
जवाब देंहटाएंवाह!!!
शुक्रिया तहेदिल से 🙏
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