गुरुवार, अप्रैल 09, 2020

लॉकडाउन संदर्भित बुंदेली ग़ज़ल .... इते घर बैठो भैया ! - डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh

    वर्तमान में 24 मार्च की रात 12 बजे से शुरू होकर  21 दिन यानी 14 अप्रैल तक लागू लॉकडाउन का आज 16 वां दिन है। ... और प्रस्तुत है  लॉकडाउन संदर्भित मेरी ताज़ा बुंदेली ग़ज़ल.....

इते घर बैठो भैया !
             - डॉ. वर्षा सिंह

चलो, इते घर बैठो भैया ! काए बाहरे जाने।
हत्यारो, पापी कोरोना, सबई जनन के लाने।

जा ने समझो, नजदीकी के बिना ने चलहे दुनिया,
दूरी हमको रख के भैय्या, रिस्ते सबई निभाने।

इते देस में तालाबंदी, उते फिरत सब छुट्टा,
पैले भीड़ लगा लई भैय्या, अब काए पछताने।

कटरा, सिविल लेन, परकोटा, शनिचरी ने जइयो,
है पूरो संसार घरई में, चैन इतई मिल जाने।

फल- सब्जी सब धो-धो धरियो, दूर संक्रमण रखियो,
धो-धो हाथ साफ करबे की, कसम सबई खों खाने।

का-कैसो है, को का कर रओ, का करने है ईसे,
पी.एम., सी.एम. सोस- फिकर में, तुम काए भैराने।

शासन और प्रशासन सबरे भला चाह रए सबको,
'डिस्टेंसिंग' समझा के  "वर्षा" होंठई लगे पिराने।
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        मेरी यह ग़ज़ल आज web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 09.04.2020 में  प्रकाशित हुई है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में इसे इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
http://yuvapravartak.com/?p=28587



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