Dr. Varsha Singh |
कल शाम कहा उसने
- डॉ. वर्षा सिंह
कल शाम कहा उसने, फूलों की ग़ज़ल कह दो
'वर्षा' हो ज़रा बरसो, बूंदों की ग़ज़ल कह दो
अब और न गूंथो यूं , चोटी में उदासी को
ख़ुशियों की लहर देकर, जूड़ों की ग़ज़ल कह दो
इंसान को मत बांधो, मज़हब के रदीफ़ों में
अपनी तो बहुत कह ली, दूजों की ग़ज़ल कह दो
फुटपाथ पे घुट-घुट के, दम तोड़ रहा बचपन
आंचल की हवा देकर, झूलों की ग़ज़ल कह दो
हालात की हद तय है, हर दौर बदलता है
कानों में अमीरी के, भूखों की ग़ज़ल कह दो
"वर्षा" का समंदर से रिश्ता तो पुराना है
चाहत के, इबादत के, रूपों की ग़ज़ल कह दो
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(मेरे ग़ज़ल संग्रह "सच तो ये है" से)
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 21 दिसंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआपने मेरी रचना को सांध्य दैनिक मुखरित मौन हेतु चयनित किया इस हेतु अत्यंत हार्दिक आभार दिव्या जी 🙏🌹🙏
हटाएंबेहतरीन ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी, बहुत -बहुत आभार 🙏🌹🙏
हटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (22-12-20) को "शब्द" (चर्चा अंक- 3923) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
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कामिनी सिन्हा
प्रिय कामिनी सिन्हा जी,
हटाएंहार्दिक आभार चर्चा हेतु मेरी पोस्ट को चयनित करने के लिए 🙏
शुभकामनाओं सहित,
सस्नेह
डॉ. वर्षा सिंह
"हालात की हद तय है, हर दौर बदलता है
जवाब देंहटाएंकानों में अमीरी के, भूखों की ग़ज़ल कह दो "
बेहतरीन।
हार्दिक धन्यवाद यशवंत माथुर जी 🙏
हटाएंबहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया अनिता जी 🙏
हटाएंसुन्दर मनमोहक ग़ज़ल..!
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद जिज्ञासा जी 🙏
हटाएंबहुत ही सधी हुई बढ़िया गजल
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आलोक सिन्हा जी 🙏
हटाएंबहुत अच्छी, बहुत प्रभावी ग़ज़ल । एक-एक शेर कमाल का बन पड़ा है ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आपकी इस टिप्पणी के लिए आदरणीय माथुर जी 🙏
हटाएंबेहतरीन व लाजवाब अशआरों से सजी खूबसूरत ग़ज़ल ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद प्रिय मीना जी 🙏
हटाएंगज़ल कह दो ...
जवाब देंहटाएंऔर सचमुच लाजवाब गज़ल कह दी है आपने ... हर शेर अनूठा ...
बहुत शुक्रिया नासवा जी,
हटाएंमेरी ग़ज़ल का आपके द्वारा प्रशंसित होना महत्वपूर्ण है। आप स्वयं बेहतरीन ग़ज़लकार हैं।
मेरे ब्लॉग में आने और मेरी ग़ज़ल पर टिप्पणी करने के लिए पुनः धन्यवाद 🙏
ख़ूबसूरत ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आदरणीय सान्याल जी 🙏
हटाएंहार्दिक धन्यवाद भारती जी 🙏🍁🙏
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