Dr. Varsha Singh |
फ़ासले हैं कई
-डॉ. वर्षा सिंह
एक रिश्ते के मायने हैं कई
पास रहकर भी फ़ासले हैं कई
घाटियों में नदी का खो जाना
इस तरह के तो हादसे हैं कई
उसने देखा जिसे भला जो लगा
एक सूरत है, आईने हैं कई
रास्ता एक कोई होगा कहीं
अपने-अपने तो दायरे हैं कई
एक "वर्षा" है, बदलियां ढेरों
प्यार है एक, वायदे हैं कई
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(मेरे ग़ज़ल संग्रह "सच तो ये है" से)
बेहतरीन ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंबधाई हो आपको।
हार्दिक आभार आदरणीय शास्त्री जी 🙏🏻
हटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आदरणीय सान्याल जी 🙏🏻
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(०४-०१-२०२१) को 'उम्मीद कायम है'(चर्चा अंक-३९३६ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
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अनीता सैनी
बहुत बहुत आभार प्रिय अनीता सैनी जी 🙏🏻💐🙏
हटाएंबहुत सुंदर ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद नीतीश जी 🙏🏻
हटाएंबेहतरीन व लाज़वाब ग़ज़ल । सुन्दर सृजन हेतु बहुत बहुत बधाई वर्षा जी !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आपको प्रिय मीना जी 🙏💐🙏
हटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय दिग्विजय अग्रवाल जी 🙏🏻
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया आदरणीय जोशी जी 🙏🏻
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आदरणीय अनीता जी 🙏
हटाएंबहुत ख़ूब वर्षा जी !
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद माथुर जी 🙏
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