बजट 2.0 पर मेरी ग़ज़ल को छत्तीसगढ़ के अग्रणीय एवं प्रतिष्ठित समाचारपत्र "दैनिक नवीन क़दम" के साहित्य परिशिष्ट दिनांक 02.02.2020 में स्थान मिला है।
हार्दिक आभार "दैनिक नवीन क़दम" 🙏
हार्दिक आभार Rajendra Rathoud जी 🙏
बजट केन्द्र का ऐसा हो जो राहत देने वाला हो
निर्धन के घर में भी सुख को दावत देने वाला हो
मंहगाई पर अंकुश वाला बजट बने कुछ अब ऐसा
बिगड़ी स्थितियों को बेहतर हालत देने वाला हो
हमको है उम्मीद बजट से, ऐसा कोई सूत्र मिले
रुपये को मज़बूती दे कर ताकत देने वाला हो
नहीं निराशा रहे शेष अब कहीं किसी के भी मन में
आने वाला वक़्त सभी को चाहत देने वाला हो
सच्चे अर्थों में विकास का मंत्र तभी मिल पाएगा
"वर्षा" जब यह तंत्र नया इक भारत देने वाला हो