अब भी अपने अंदर एक गाँव को जीता हूँ ...
9 अगस्त 2010 ... शिवनारायण जी ने कहा आप पर भी हमलोग एक अंक केन्द्रित करना चाहते हैं। ... शिवनारायण जी ने कहा, आप गाँव से इतने जुड़े हैं और एक पत्रिका ने छाप दिया कि आप गाँव जाते ही नहीं। ...स्व. रामानंद तिवारी स्मृति सम्मान सुश्री डॉ.शरद सिंह को
(दैनिक ‘नई दुनिया’ , भोपाल, 17 सितम्बर 2010)
डॉ. शिवनारायण की पुस्तक ‘संस्कृति का विवेक’ का लोकार्पण
samkalinkathayatra.blogspot.com की ‘साहित्यिक गतिविधियां’ में भी इस समाचार को पढ़ें।
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