गूढ़ सन्देश देती एक रोमांश भरी रचना वर्षा जी आपकी लेखनी में विस्तृत आयाम देखकर अपार संभावनाओं का संसार दिखाई देता है. आपकी रचनाये सदैव से ही मन मोहती है बधाई
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 28 - 06 - 2011 को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
यशवन्त माथुर जी, आपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद. दिनांक 29/06/2011 को मेरी किसी पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक करने एवं अनुग्रहपूर्ण सुखद समाचार देने के लिये मैं आपकी हृदय से आभारी हूं.
"सुन ली हैं वर्षा ने ,सावनी सिफारिशें "मुग्धा भाव की श्रृंगारिक ग़ज़ल ."प्यार की गुजारिशें ".प्रतीक्षा फलवती होती है इंतज़ार के बाद कुछ अच्छा नसीब हो ,अच्छा पढने को मिले । बूँद बूँद बारिशें ,जाग रहीं ख्वाहिंशें , हो रहीं गुजारिशें .
aadeniya varsha ji..aaj maine aapki bahut sari ghazalein padhi.chote bade har meter mein..bibidh behar mein..shandar ghazalein ..ab dil ki baat hai to phir dil se hi ki jayegi...jab hain har ashaar itne dilkash to dil se daad bhi di jayegi
बारिश पर बढ़िया ग़ज़ल और प्यारी फोटो देख कर मज़ा आ गया.
जवाब देंहटाएंwah Bahut khoob, chhoti bahar ki shandar ghazal ...
जवाब देंहटाएंMatle ke liye vishesh badhai ...
बहुत ही सुन्दर भावों से परिपूर्ण सुन्दर रचना...बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावों से सजी गुजारिशें
जवाब देंहटाएंचाहतों की हो रहीं, कामयाब कोशिशें,
जवाब देंहटाएंतोड़ने लगा है दिल, इस जहां की बन्दिशें।
ऐसा लगता है छोटी बहर में आपकी लेखनी की
अज़मत बेहद निखरती है , बधाई।
बहुत सुन्दर , सुन्दर रचना...बधाई
जवाब देंहटाएंकुंवर कुसुमेश जी,
जवाब देंहटाएंआभारी हूं आपकी टिप्पणी के लिए। इसी तरह संवाद बनाए रखें....
सुशांत जैन जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी इस गज़ल को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
आपको अनेक धन्यवाद .
'गाफिल' जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी ग़ज़ल को सराहा...आभारी हूं.
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
संगीता स्वरुप जी,
जवाब देंहटाएंजानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरी ग़ज़ल पसन्द आई.... मेरी ग़ज़ल को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....
संजय दानी जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
मेरे ब्लॉग पर आपके विचारों का हमेशा स्वागत है।
संजय कुमार चौरसिया जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......
विचारों से अवगत कराने के लिए.. हार्दिक धन्यवाद.
गूढ़ सन्देश देती एक रोमांश भरी रचना वर्षा जी आपकी लेखनी में विस्तृत आयाम देखकर अपार संभावनाओं का संसार दिखाई देता है. आपकी रचनाये सदैव से ही मन मोहती है बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना..
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना..
जवाब देंहटाएंबस आने ही वाला है सावन....और लगने वाली है झड़ी....
rachna aur tasweer ka sunder taalmel....
जवाब देंहटाएंbadhaai...
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 28 - 06 - 2011
जवाब देंहटाएंको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
साप्ताहिक काव्य मंच-- 52 ..चर्चा मंच
वर्षा जी,
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर रचना और उतनी ही सुन्दर फोटो जो भाव को और भी जाग्रत करती है..
आशु
bahut hi khoobsoorat gazal hai....
जवाब देंहटाएंकुश्वंश जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
आशुतोष जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
वीना जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....
CS Devendra K Sharma ji,
जवाब देंहटाएंThank you for your comment.
संगीता स्वरुप जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
आशु जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरी यह गज़ल आपको पसन्द आई. आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
रोशी जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह मेरी गज़ल को मिला.....यह मेरा सौभाग्य है.
आत्मीय टिप्पणी के लिए अत्यंत आभार....
मन के भावों को बयां करती गुजारिशें ..... सुंदर
जवाब देंहटाएंआपकी यह खूबसूरत गज़ल हमें भी 'सावनी सिफारिशों' से नवाज़ गयी है ! बहुत सुखद अहसास हुआ इसे पढ़ कर ! बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंबादलों के बीच वो,
जवाब देंहटाएंआज खिलखिला हँसें।
bahut sunder...
जवाब देंहटाएंबारिश की उमंग लिये सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंडॉ . सिंह सकारात्मक भावों का दस्तावेज पढ़ कर मन प्रसन्न हो गया , खूब लिखा है मनोयोग से ...शुक्रिया जी /
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी आपकी ये गज़ल.
जवाब देंहटाएं------------------
कल 29/06/2011को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है-
आपके विचारों का स्वागत है .
धन्यवाद
नयी-पुरानी हलचल
डॉ॰ मोनिका शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंबहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए आप को बहुत-बहुत धन्यवाद.
साधना वैद्य जी,
जवाब देंहटाएंआपका आना सुखद लगा ...... हार्दिक धन्यवाद !
आपके विचारों का मेरे ब्लॉग्स पर सदा स्वागत है।
प्रवीण पाण्डेय जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया.... आभारी हूं। आपकी काव्यात्मक टिप्पणी के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद.
नीलांश जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद.
अजय कुमार जी,
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
उदयवीर सिंह जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......
विचारों से अवगत कराने के लिए. हार्दिक धन्यवाद.
यशवन्त माथुर जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.
दिनांक 29/06/2011 को मेरी किसी पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक करने एवं अनुग्रहपूर्ण सुखद समाचार देने के लिये मैं आपकी हृदय से आभारी हूं.
याद आ गया ,मुझ को भी जीना,
जवाब देंहटाएंपढ़ के आप का सावन का महीना|
सरल और भावपूर्ण !
आभार!
अशोक सलूजा जी,
जवाब देंहटाएंआपका आना सुखद लगा ....आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
सुन्दर तस्वीर के साथ बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण ग़ज़ल लिखा है आपने! आपकी लेखनी की जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है! उम्दा ग़ज़ल!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर... क्या बात है.
जवाब देंहटाएंउर्मि जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
महेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंआपकी इस अनुग्रहपूर्ण टिप्पणी के लिए हृदय से आभारी हूं.
कृपया इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
lagta hai sari bandishe ab to toot ke rahengi. :)
जवाब देंहटाएंsundar...dilko chhoone vali ghazal..mausam bhi varsha ka hai ab to...
जवाब देंहटाएंअनामिका जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.
गिरीश पंकज जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
"सुन ली हैं वर्षा ने ,सावनी सिफारिशें "मुग्धा भाव की श्रृंगारिक ग़ज़ल ."प्यार की गुजारिशें ".प्रतीक्षा फलवती होती है इंतज़ार के बाद कुछ अच्छा नसीब हो ,अच्छा पढने को मिले ।
जवाब देंहटाएंबूँद बूँद बारिशें ,जाग रहीं ख्वाहिंशें ,
हो रहीं गुजारिशें .
अति सुन्दर भाव युक्त गुजारिशें ...सुन्दर गजल ..
जवाब देंहटाएंजेठ , संग ले गये
जवाब देंहटाएंगर्मियों की गर्दिशें
मिल गईं बहुरिया को
चौमासी गुंजाइशें .
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.
श्रीप्रकाश डिमरी जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
अरुण कुमार निगम जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए आभार।
vaah !
जवाब देंहटाएंvaah!
bahut khoob.
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंविशाल जी,
जवाब देंहटाएंआपका आना सुखद लगा ....आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार
behad khoobsurat......
जवाब देंहटाएंनई रचना की प्रतीक्षा .
जवाब देंहटाएंमृदुला प्रधान जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.
अरुण कुमार निगम जी,
जवाब देंहटाएंआग्रह के लिए आभार...
varshhha ji
जवाब देंहटाएंbehad -behad hi pasand aai aapki barish se gujarish .
kya khoob likh hai aapne
bahut hi shandar gazal
badhai
poonam
बहुत प्यारी ग़ज़ल के लिये वधाई वर्षा जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना...बधाई
जवाब देंहटाएंइमेज्नरी दुनिया में ले जाने को शक्षम है ये गज़ल ... बहुत खूब ..
जवाब देंहटाएंपूनम जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
blogkosh ,
जवाब देंहटाएंwelcome.....
अमरेंद्र अमर जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.
दिगम्बर नासवा जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
उर्मि जी,
जवाब देंहटाएंआपके आमन्त्रण के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
बहुत अच्छी लगी छोटे बहर की यह ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंमनोज कुमार जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.
सावन की फुहारों में बरसती रिमझिम बूंदों से बाते ..
जवाब देंहटाएंमौसम के अनुरूप सुंदर गीत.
जवाब देंहटाएंके आर बारस्कर जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
सपना निगम जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.
यशवन्त माथुर जी,
जवाब देंहटाएंआपकी इस सूचना ने मेरा उत्साह बढ़ाया है. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार.
वाह वाह वर्षा जी, आपकी प्यारी प्यारी गुजारिशें बहुत ही भाईँ ।
जवाब देंहटाएंआपने बड़े ख़ूबसूरत ख़यालों से सजा कर एक निहायत उम्दा ग़ज़ल लिखी है।
जवाब देंहटाएंअस्वस्थता के कारण करीब 20 दिनों से ब्लॉगजगत से दूर था
जवाब देंहटाएंआप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ,
आशा जी,
जवाब देंहटाएंआपकी स्नेह भरी इस टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार !
संजय भास्कर जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया आभारी हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।
संजय भास्कर जी,
जवाब देंहटाएंआशा है कि अब आप का स्वास्थ्य पूर्ण रूप से अच्छा होगा....आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें।
smshindi By Sonu,
जवाब देंहटाएंThanks For your invitation.
aadeniya varsha ji..aaj maine aapki bahut sari ghazalein padhi.chote bade har meter mein..bibidh behar mein..shandar ghazalein ..ab dil ki baat hai to phir dil se hi ki jayegi...jab hain har ashaar itne dilkash to dil se daad bhi di jayegi
जवाब देंहटाएंआशुतोष जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद...
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है,कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
waah! bhut sunder ,hr pankti lajwaab.....
जवाब देंहटाएंअंजू जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी गज़ल को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.