दिल में डेरा डाले हैं ।
यादों के उजियाले हैं ।
हम तुम जब भी साथ हुए
पल वो बड़े निराले हैं ।
छोटे - छोटे लम्हे भी
बेहद ख़ुशियों वाले हैं ।
ख़्वाब हमारे अपने हैं
मिल जुल हमने पाले हैं ।
ग़म से "वर्षा" डरना क्या
ग़म तो देखे- भाले हैं ।
- डॉ वर्षा सिंह
nice
जवाब देंहटाएंअच्छी ग़ज़ल . आभार .
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