ग़ज़ल पत्रिका By Dr Varsha Singh
बहुत सुन्दर हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः8
बहुत ही सुन्दर ..:-)
अब मेरा दिल कहां रहा मेरा वाऽहऽऽ…!अच्छा क़त्आ है
वाह ... मज़ा अ गया ...
क्या बात वाह!
बेहतरीन ..
प्रेम में जो प्रतीक्षा होती है वह किसी तपस्या से कम नहीं है । यही प्रेम की पीर जीने का सहारा बन जाती है । सुन्दर प्रस्तुति ।
kuda hai aapki gazale
Nice
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः8
बहुत ही सुन्दर ..
जवाब देंहटाएं:-)
अब मेरा दिल कहां रहा मेरा
वाऽहऽऽ…!
अच्छा क़त्आ है
वाह ... मज़ा अ गया ...
जवाब देंहटाएंक्या बात वाह!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ..
जवाब देंहटाएंप्रेम में जो प्रतीक्षा होती है वह किसी तपस्या से कम नहीं है । यही प्रेम की पीर जीने का सहारा बन जाती है । सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंkuda hai aapki gazale
जवाब देंहटाएंNice
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