हिन्दी दिवस दिनांक 14 सितम्बर पर विशेष ग़ज़ल
हिन्द की शान हमेशा से सुहानी हिन्दी
- डॉ. वर्षा सिंह
जल है गंगा का तो, यमुना का है पानी हिन्दी
दिल के दरिया की निराली- सी रवानी हिन्दी
मां है संस्कृत तो सहेली सभी ज़ुबानें हैं
हिन्द की शान हमेशा से सुहानी हिन्दी
सूर, तुलसी की बही भक्ति की धारा इसमें
यही रसखान की, रैदास की बानी हिन्दी
रंग इसके हैं कई, रूप कई हैं इसके
काव्यसरिता है, तो है लेख, कहानी हिन्दी
मां के आंचल सा है ममता का ख़जाना इसमें
प्रेम अपनत्व की नायाब निशानी हिन्दी
इक कसक सी यही चुभती है दिलों में "वर्षा"
बन सकी राष्ट्र की भाषा न सयानी हिन्दी
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मित्रों, हिन्दी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
आज युवाप्रवर्तक में हिन्दी दिवस संदर्भित मेरी यह ग़ज़ल प्रकाशित हुई है।
हार्दिक आभार युवाप्रवर्तक 🙏🌺🙏
very nice Gazal ! You are excellent in writing .I am always very much happy to read you
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद 🙏💐🙏
हटाएंहिन्दी की शान में रची गयी उम्दा ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस की अशेष शुभकामनाएँ।
आदरणीय शास्त्री जी, आपकी इस सदाशयता के लिए हार्दिक आभार 🙏💐🙏
हटाएंबहुत ही सुन्दर गज़ल ... आज के दिन को सार्थक करती हुई ...
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा ...
हार्दिक धन्यवाद दिगम्बर नासवा जी 🙏
हटाएंहिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद सुशील कुमार जोशी जी,
हटाएंआपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं 🙏💐🙏
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (15-9 -2020 ) को "हिंदी बोलने पर शर्म नहीं, गर्व कीजिए" (चर्चा अंक 3825) पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा
आपकी इस सदाशयता के प्रति हार्दिक आभार कामिनी सिन्हा जी 🙏💐🙏
हटाएंबहुत सुंदर ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद अनुराधा जी 🙏
हटाएंबहुत खूब वर्षा जी ! हिंदी माँ की महिमा बढाते खूबसूरत शेरों से सजी मनभावन ग़ज़ल | बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं|
जवाब देंहटाएंरेणू जी, हार्दिक धन्यवाद आपको 🙏💐🙏
हटाएंबहुत अच्छी गजल है |
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आलोक सिन्हा जी 🙏
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