रविवार, अगस्त 05, 2012

एक दिन.........


10 टिप्‍पणियां:

  1. bemisaal shaayaree ke kamaal ke kalam kaar haiaap

    sabhee gazal dil ko chuliye foto bhee laajawaab

    subh kaamanaaye kripyaa www yugmanas.blogspot .com dekhe aur tippanee kare

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  2. मुस्कुराकर आज यूँ न्यौता दिया है कल को ?
    लगता है कल बाँध लेंगी मुट्ठियों में समय को ?

    डॉ शरद सिंह की ही भांति आपके भी शब्दों का चयन अनोंखा नहीं अद्भुत और काबिले तारीफ होता है ,बेहतरीन से बेहतरीन भावों की लरियां .सब कुछ जो मन में आये या समाये

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  3. बिलकुल..........
    दिल से किये प्रयास खाली नहीं जाते..
    सुन्दर!!!

    अनु

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  4. होंसला रहा तो ये दुनिया जरूर बदलेगी ... लाजवाब ...

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  5. इसी जज्बे की जरूरत है इस दौर को...आपने तो गागर में सागर डाल दिया है..... वाह!

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  6. उत्तम रही भाव कणिका डॉ वर्षा सिंह की .सकारात्मक भाव और निश्चय से संसिक्त .

    ram ram bhai
    सोमवार, 6 अगस्त 2012
    भौतिक और भावजगत(मनो -शरीर ) की सेहत भी जुडी है आपकी रीढ़

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