प्रिय मित्रों, हिन्दी साहित्य के प्रतिष्ठित विद्वान प्रो. सुरेश आचार्य जी ने मेरे ग़ज़ल संग्रह "ग़ज़ल जब बात करती है" की समीक्षा की है, जो साहित्य सरस्वती के जुलाई-सितम्बर 2020 अंक में प्रकाशित हुई है। इसे मैं आप सबसे साझा कर रही हूं।
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जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (१२-१२-२०२०) को 'मौन के अँधेरे कोने' (चर्चा अंक- ३९१३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
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अनीता सैनी
प्रिय अनीता सैनी जी,
हटाएंमुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है यह जान कर कि चर्चा मंच में मेरी पोस्ट को भी स्थान मिला है।
आपका बहुत शुक्रिया 🙏🌹🙏
शुभेच्छु
डॉ. वर्षा सिंह
सुन्दर। शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद आदरणीय जोशी जी 🙏
हटाएंबहुत सुंदर वर्षा जी..।हृदय से शुभकामना व्यक्त करती हूँ..।
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया प्रिय जिज्ञासा जी 🙏
हटाएंहार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएं🙏 हार्दिक धन्यवाद 🙏
हटाएंबहुत धन्यवाद यशवन्त माथुर जी 🙏
जवाब देंहटाएंमेरी मंगल कामनाएँ आपके साथ.
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आपकी मंगलकामनाओं के लिए आदरणीया प्रतिभा जी 🙏
हटाएं- डॉ. वर्षा सिंह
बेहतरीन कृति की उम्दा समीक्षा...🙏🌹🙏
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद प्रिय डॉ. (सुश्री) शरद सिंह 🌹🙏🌹
हटाएंबहुत बहुत बधाई गजल संग्रह के लिए, सुंदर समीक्षा !
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आदरणीया अनिता जी 🙏
हटाएं- डॉ. वर्षा सिंह
हार्दिक बधाई वर्षा जी आपको एवं आभार सुरेश आचार्य जी का इस सृजन से हिंदी पाठक समुदाय को परिचित करवाने के लिए ।
जवाब देंहटाएंक्षमा करें... आज देख पाई आपकी यह टिप्पणी...
हटाएंहार्दिक आभार आपके प्रति 🙏