Dr. Varsha Singh |
हादसों की खबर
- डॉ. वर्षा सिंह
रात भर नींद क्यों टूटती रह गई
मैं हवा से वज़ह पूछती रह गई
इत्तेफ़ाक़न हुआ या कि साज़िश हुई
ख़ुद नदी धार में डूबती रह गई
इस तरफ है अंधेरा, उधर घोर तम
रोशनी बीच में झूलती रह गई
हादसों की खबर रोज़ अख़बार में
देखकर, हर सुबह बूझती रह गई
घर से निकला था, स्कूल पहुंचा नहीं
एक बेटे को मां ढूंढती रह गई
एक लम्हा खुशी का न ठहरा यहां
देहरी आहटें चूमती रह गई
प्यास को झील की थी ज़रूरत मगर
बांसवन में फंसी घूमती रह गई
एक बादल न "वर्षा" का अपना हुआ
ज़िन्दगी आग से जूझती रह गई
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(मेरे ग़ज़ल संग्रह "सच तो ये है" से)
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार,
आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 19-02-2021) को
"कुनकुनी सी धूप ने भी बात अब मन की कही है।" (चर्चा अंक- 3982) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद.
…
"मीना भारद्वाज"
चर्चा हेतु मेरी पोस्ट का चयन करने के लिए हार्दिक आभार प्रिय मीना भारद्वाज जी 🙏
हटाएंबहुत लाजवाब और सारगर्भित ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आदरणीय शास्त्री जी 🙏
हटाएंइत्तेफ़ाक़न हुआ या कि साज़िश हुई
जवाब देंहटाएंख़ुद नदी धार में डूबती रह गई ।
वाह , हर शेर लाजवाब । धार में नदी का डूबना ....अद्भुत चिंतन
प्रणाम आदरणीया 🙏
हटाएंआपकी सराहना पा कर मेरा सृजन सार्थक हो गया।
हार्दिक धन्यवाद 🙏
शुभकामनाओं सहित,
डॉ. वर्षा सिंह
खूबसूरत शेरों से सजी नायाब ग़ज़ल..
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद प्रिय जिज्ञासा जी 🙏
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंवाह्ह्ह्हृ! लाजवाब वर्षा जी बहुत ही उम्दा बहुत ही सुंदर।
जवाब देंहटाएंशेर कुछ और भी कहते चाह पढ़ने की रह गई।
बेहतरीन।
आदरणीया कुसुम कोठारी जी, आपकी इस बहुमूल्य टिप्पणी के लिए हृदयतल की गहराइयों से धन्यवाद 🙏
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आलोक जी 🙏
हटाएंबहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आदरणीय सान्याल जी.🙏
हटाएंहादसों की खबर रोज़ अख़बार में
जवाब देंहटाएंदेखकर, हर सुबह बूझती रह गई
घर से निकला था, स्कूल पहुंचा नहीं
एक बेटे को मां ढूंढती रह गई
समसामयिक परिदृश्य पर लाजवाब पंक्तियां 🌹🙏🌹
हार्दिक धन्यवाद प्रिय बहन शरद 🙏
हटाएंइत्तेफ़ाक़न हुआ या कि साज़िश हुई
जवाब देंहटाएंख़ुद नदी धार में डूबती रह गई
बहुत खूब,लाज़बाब गजल,सादर नमन वर्षा जी
आपकी इस उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार प्रिय कामिनी सिन्हा जी 🙏
हटाएंबहुत सुंदर ग़ज़ल आदरणीया
जवाब देंहटाएंबहुत आत्मीय धन्यवाद प्रिय अनुराधा चौहान जी 🙏
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर रचना .
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद दीपक कुमार भानरे जी 🙏
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